October 24, 2025

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

‘घोड़दौड़ पोखर’ की मौन पुकार @ विरासत के नाम पर वादे, हकीकत में सन्नाटा

घोड़दौड़ पोखर
  • नीतीश सरकार ने इसके सौंदर्यीकरण और पर्यटन विकास के लिए 24 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी, लेकिन छह माह बाद भी धरातल पर एक फावड़ा नहीं चला

Khabari Chiraiya Desk : जिले के पताही प्रखंड के पदुमकेर पंचायत में स्थित ‘घोड़दौड़ पोखर’ कभी वैभव और श्रद्धा का केंद्र हुआ करता था। करीब 52 एकड़ में फैला यह जलाशय राजा शिव सिंह की कथा से जुड़ा है, जब वे दुर्लभ जड़ी-बूटियों से स्वास्थ्य लाभ पाने के बाद इस क्षेत्र में यज्ञ कराते हैं और घोड़े की दौड़ जितनी दूरी में तालाब खुदवाने का संकल्प लेते हैं। वर्षों तक यह पोखर ‘पदुमकेरिया चावल’ और घी की खुशबू से पहचाना जाता रहा।

जन पहल से लेकर सरकारी स्वीकृति तक

स्थानीय ग्रामीणों, प्रोफेसर राम निरंजन पांडे, श्याम निरंजन पांडे और समाजसेवी प्रकाश सिंह के निरंतर प्रयासों से इस पोखर के उद्धार की मुहिम शुरू हुई। लगातार पत्राचार, जनअभियान और मीडिया रिपोर्टिंग के बाद दिसंबर 2024 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मोतिहारी यात्रा के दौरान इस परियोजना को हरी झंडी मिली।
पर्यटन विभाग ने 13.54 करोड़ रुपये और जल संसाधन विभाग ने 10 करोड़ रुपये स्वीकृत किए। कुल 24 करोड़ की राशि से इस स्थल को विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र बनाने का खाका तैयार हुआ।

यह भी पढ़ें… महागठबंधन में तेजस्वी यादव बने चेहरा, मुकेश सहनी को मिला डिप्टी सीएम का भरोसा

कागजों पर सौंदर्यीकरण, ज़मीन पर सूखा सन्नाटा

सरकारी रिपोर्टों में ‘घोड़दौड़ पोखर’ के लिए वॉकिंग ट्रैक, मोटर बोट, गेस्ट हाउस, सेल्फी प्वाइंट, वाटर स्पोर्ट्स और रेस्टोरेंट जैसी आधुनिक सुविधाओं की योजना बनी थी। लेकिन आज छह माह बीत जाने के बाद भी मैदान सूना है, न खुदाई शुरू हुई, न कोई निर्माण। 52 एकड़ का यह जलाशय अतिक्रमण की चपेट में सिमट चुका है, और इसके आसपास की हरियाली अब झाड़ियों में बदल रही है।

ग्रामीणों की निराशा और सवाल

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इतना बड़ा बजट आने के बाद भी जब कुछ शुरू नहीं हुआ तो अब भरोसा करना मुश्किल है। गांव के बुद्धिजीवी और समाजसेवी इसे चुनावी घोषणा का प्रतीक मानने लगे हैं। उनका कहना है कि अगर सरकार इस योजना को ईमानदारी से अमल में लाती तो यह क्षेत्र न केवल पर्यटन का हब बनता बल्कि मत्स्य पालन और सिंचाई के ज़रिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करता।

यह भी पढ़ें… दिल्ली में एनकाउंटर, ढेर हुआ बिहार का खतरनाक गिरोह

इतिहास की विरासत या चुनावी वादा?

‘घोड़दौड़ पोखर’ की कहानी अब सवाल बन गई है? क्या सरकार इस प्राचीन धरोहर को नई पहचान दे पाएगी या यह भी घोषणाओं की भीड़ में खो जाएगा? मोतिहारी की जनता अब यह देखने को आतुर है कि 24 करोड़ की स्वीकृति और 50 करोड़ की महायोजना का सपना हकीकत बनेगा या यह पोखर फिर से इतिहास की खामोश गहराइयों में डूब जाएगा।

यह भी पढ़ें…  प्रधानमंत्री ने भरी हुंकार, कहा-बिहार को चाहिए सुशासन

यह भी पढ़ें… हवा छीन रही ज़िंदगी, दुनिया में आठ में से एक मौत प्रदूषण से

यह भी पढ़ें… 100 शहाबुद्दीन भी आ जाएं तो जंगलराज लौटने नहीं देंगे-अमित शाह

यह भी पढ़ें… धरती से 20 प्रकाश वर्ष दूर मिला नया सुपर-अर्थ

यह भी पढ़ें… बिहार चुनाव के दूसरे चरण में 1302 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला, 70 ने वापस लिया नाम

आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें…

Advertisements
Gulab Ashiyana
error: Content is protected !!