बिहार विधानसभा चुनाव : नेपाल सीमा पर चुनावी चौकसी तेज, हर रास्ते पर निगरानी सख्त
- नकली नोट, शराब और हथियार तस्करी पर नजर, सीमा पार आवागमन के लिए जरूरी हुआ पहचान पत्र
Khabari Chiraiya Desk: पटना से खबर है कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पहले चरण की वोटिंग नजदीक आते ही उत्तर बिहार की नेपाल सीमा से सटे जिलों में यानी सीतामढ़ी, मधुबनी, पूर्वी और पश्चिम चंपारण में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। खबर है कि सीमावर्ती 13 विधानसभा क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है। सभी प्रवेश बिंदुओं पर बिना पहचान पत्र किसी को भी अंदर आने की अनुमति नहीं दी जा रही है। सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं ताकि सीमा पार से जाली नोट, शराब और हथियारों की तस्करी को रोका जा सके।
मधुबनी जिले के सात प्रखंड नेपाल सीमा के बेहद करीब हैं। इनमें चार विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। खजौली क्षेत्र के जयनगर और बासोपट्टी प्रखंड के करीब 65 मतदान केंद्र सीमा से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर हैं। हरलाखी और मधवापुर के 62, बाबूबरही के लदनियां प्रखंड में 25 और लौकहा विधानसभा क्षेत्र के लौकही व खुटौना प्रखंड में 70 मतदान केंद्र सीमा के पास स्थित हैं। इन सभी इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
सीमा पर चेकपोस्ट और बसों की तलाशी
पश्चिम चंपारण के सिकटा और रामनगर विधानसभा क्षेत्र में भी सघन जांच जारी है। सिकटा, इनरवा और भिखनाठोरी जैसे संवेदनशील सीमावर्ती इलाकों में प्रवेश से पहले पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है। स्कूली बसों से लेकर निजी वाहनों तक की जांच की जा रही है। सीमा के पास बने सात ग्रामीण रास्तों पर स्थायी चेकपोस्ट बना दिए गए हैं, जहां एसएसबी और पुलिस की टीम लगातार गश्त कर रही है। वन विभाग ने जंगल से गुजरने वाले रास्तों पर विशेष निगरानी शुरू कर दी है। वाल्मीकिनगर के गंडक पार इलाकों में पिपरासी, भितहा, ठकराहा और मधुबनी में उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाले मार्गों पर भी चेकपोस्ट स्थापित किए गए हैं। पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान चौबीसों घंटे तैनात हैं, जबकि नेपाल की एपीएफ और भारत की एसएसबी मिलकर संयुक्त रूट मार्च कर रही हैं।
मतदान से 72 घंटे पहले होगी सीमा सील
सीतामढ़ी जिले में भी सीमावर्ती इलाकों पर खास चौकसी रखी जा रही है। रीगा विधानसभा के बैरगनिया, बथनाहा, परिहार और सुरसंड प्रखंडों के 900 से अधिक मतदान केंद्र नेपाल सीमा से लगे हैं। वहीं पूर्वी चंपारण के रक्सौल और नरकटिया क्षेत्रों में भी 150 से ज्यादा मतदान केंद्र सीमा के बेहद पास हैं। एसएसबी की 20वीं बटालियन के कमांडेंट गिरीश चंद्र पांडेय ने बताया कि मतदान से 72 घंटे पहले सीमा को पूरी तरह सील कर दिया जाएगा ताकि किसी बाहरी व्यक्ति की घुसपैठ न हो सके।
अररिया और किशनगंज में भी कड़ी चौकसी
अररिया और किशनगंज जैसे जिलों में भी सीमाई सुरक्षा को लेकर पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने मोर्चा संभाल लिया है। एसएसबी, बीएसएफ और बिहार पुलिस संयुक्त रूप से गश्त कर रही हैं। कई जगह फ्लाइंग स्क्वाड और स्थायी जांच चौकियां बनाई गई हैं। कमांडेंट स्तर पर भी लगातार निरीक्षण चल रहा है। सीमा पर आने-जाने वाले हर व्यक्ति की कड़ी जांच की जा रही है ताकि चुनावी माहौल में किसी तरह की गड़बड़ी या तस्करी की संभावना पूरी तरह खत्म की जा सके।
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