तिरुवनंतपुरम : केरल बना देश का पहला राज्य जिसने खत्म की चरम गरीबी
- चार साल की व्यापक योजना से 64 हजार से अधिक परिवारों को मिली राहत, मुख्यमंत्री विजयन ने विधानसभा में किया ऐलान
Khabari Chiraiya Desk: भारत में जहां गरीबी उन्मूलन आज भी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है, वहीं केरल ने इस दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को विधानसभा के विशेष सत्र में घोषणा की कि केरल ने चरम गरीबी (Extreme Poverty) को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि राज्य की सामाजिक नीतियों और सामुदायिक सहभागिता का परिणाम है। राज्य गठन दिवस के मौके पर की गई इस घोषणा के साथ केरल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने अत्यंत गरीब वर्ग को मुख्यधारा में शामिल कर दिया है।
2021 में शुरू हुई ‘चरम गरीबी उन्मूलन परियोजना’ के तहत राज्य सरकार ने 64,006 परिवारों को चिन्हित किया था, जो जीवन की बुनियादी जरूरतों …आवास, भोजन, स्वास्थ्य और रोजगार से वंचित थे। इन परिवारों को पिछले चार वर्षों में योजनाओं के दायरे में लाया गया और उन्हें स्थायी आजीविका से जोड़ा गया। स्थानीय स्वशासन मंत्री एम. बी. राजेश ने बताया कि नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार, केरल में गरीबी दर पहले ही देश में सबसे कम 0.7 प्रतिशत थी। नई परियोजना ने इस दर को व्यावहारिक रूप से “शून्य” के करीब पहुंचा दिया है।
मंत्री ने बताया कि सरकार ने गहन सर्वेक्षणों और क्षेत्रीय अध्ययन के जरिए 1,03,099 लोगों को अत्यंत गरीब की श्रेणी में पाया था। इन सभी को राज्य की कल्याणकारी योजनाओं जैसे स्वास्थ्य बीमा, आवास निर्माण सहायता और महिला स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा गया। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक उनकी पहुंच भी मजबूत हुई।
विधानसभा में हालांकि विपक्ष ने इस दावे पर आपत्ति जताई। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के विधायकों ने इस घोषणा को “पूर्ण धोखाधड़ी” बताते हुए सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान संसदीय परंपराओं के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री विजयन ने पलटवार करते हुए कहा कि यूडीएफ सरकार पर झूठ का आरोप लगा रही है, जबकि तथ्य खुद बोल रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने जो वादा किया था, उसे पूरा किया है। हमारे प्रयासों से हजारों परिवार अब सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं।”
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