December 21, 2025

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बिहार : नीतीश की नई टीम में जातीय संतुलन की नई पटकथा

  • कैबिनेट में उभरी राजनीतिक समीकरणों की नई दिशा, युवा व अनुभवी चेहरों के अनोखे मेल ने बनाई व्यापक सामाजिक हिस्सेदारी

Khabari Chiraiya Desk: बिहार की राजनीति ने गुरुवार की दोपहर एक बार फिर करवट ली, जब पटना के गांधी मैदान में नीतीश कुमार ने दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर सत्ता का नया पन्ना खोल दिया। समारोह बेहद भव्य रहा-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शीर्ष केंद्रीय मंत्री, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और हजारों की भीड़ ने इस क्षण को यादगार बना दिया। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री के साथ 26 मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई, जिससे नई सरकार का औपचारिक गठन पऔपचारिक गठन पूरा हुआ।

जातीय समीकरण का नया ताना-बाना
नई सरकार की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कैबिनेट का गठन केवल राजनीतिक मजबूती से नहीं, बल्कि सामाजिक प्रतिनिधित्व के सूक्ष्म संतुलन के आधार पर किया गया है। टीम में लगभग हर प्रमुख जातीय समूह को हिस्सेदारी दी गई है।
राजपूत समुदाय को सबसे मजबूत उपस्थिति मिली है, जबकि कुर्मी, कोइरी, भूमिहार, यादव, निषाद और दुसाध जातियों-सभी को समान दो-दो मंत्रियों के साथ मौजूदगी मिली है। ब्राह्मण, कलवार, धानुक, तेली, पासी, रविदास, मुसहर, कायस्थ और कानू समाज को एक-एक स्थान देकर कैबिनेट को व्यापक स्वरूप प्रदान किया गया है। मुस्लिम समाज की ओर से जेडीयू के जमा खान को फिर से मंत्री बनाकर अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व को भी समुचित महत्व दिया गया।

दो दिग्गजों ने अपने बेटे को दिलाई एंट्री

इस बार सत्ता की सबसे दिलचस्प कथा यह रही कि जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा दोनों ने अपने बेटों को मंत्री पद तक पहुंचा दिया। उपेंद्र कुशवाहा के पुत्र दीपक प्रकाश को राष्ट्रीय लोक मोर्चा से प्रतिनिधित्व मिला है। वे किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, इसलिए विधान परिषद में मनोनयन की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन, जीतनराम मांझी के पुत्र, एक बार फिर मंत्री बने हैं। पिछली सरकार में वे लघु जल संसाधन विभाग संभाल चुके हैं।

एनडीए घटकों की हिस्सेदारी

नई टीम में भाजपा को सबसे ज्यादा 14 मंत्री मिले हैं। जेडीयू के 9 चेहरे शामिल हैं, जबकि लोजपा-आर को दो, हम और रालोमो को एक-एक स्थान देकर सहयोगियों को सम्मानजनक भागीदारी दी गई है। इससे साफ है कि गठबंधन अपनी राजनीतिक मजबूती को सामाजिक विस्तार के साथ जोड़ना चाहता है।

युवा ऊर्जा और अनुभव का संगम

मंत्रिमंडल का गठन उम्र के लिहाज से भी बेहद दिलचस्प रहा। सबसे युवा चेहरा हैं 34 वर्षीय श्रेयसी सिंह, जो कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट हैं और दिवंगत नेता दिग्विजय सिंह की पुत्री हैं। दूसरी ओर, 79 वर्षीय बिजेंद्र प्रसाद यादव सबसे अनुभवी मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल हुए हैं। इस मिश्रण ने सरकार में एक तरफ प्रशासनिक अनुभव का भरोसा दिया है तो दूसरी तरफ नई पीढ़ी की फुर्ती और आधुनिक दृष्टि का प्रवेश भी सुनिश्चित किया है।

नीतीश कैबिनेट के खास चेहरे

नई टीम में कई नाम पहली ही नजर में राजनीतिक संकेत देते हैं-श्रेयसी सिंह, रामकृपाल यादव, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद, रमा निषाद, लखेंद्र कुमार रौशन, संजय कुमार, संजय कुमार सिंह और दीपक प्रकाश-इन चेहरों से सरकार आने वाले वर्षों के लिए अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट करती दिखती है।

शपथ समारोह में दिखा राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन

समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति ने इस तस्वीर को और अधिक राजनीतिक महत्व दे दिया। शपथ के बाद प्रधानमंत्री ने लोगों की ओर गमछा लहराकर अभिवादन किया तो मैदान में मौजूद भीड़ ने जबरदस्त उत्साह के साथ उनका स्वागत किया।
इसके बाद एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार को बधाई दी और सुशासन में उनके लम्बे अनुभव की सराहना की।

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