नीतीश की दसवीं ताजपोशी, बिहार की सत्ता फिर उनके हाथों में
- दो उपमुख्यमंत्रियों और कई वरिष्ठ चेहरों ने शपथ लेकर नई सरकार की रूपरेखा सामने रखी
Khabari Chiraiya Desk: पटना के गांधी मैदान में गुरुवार को सुबह से ही उत्साह का वातावरण था। हजारों लोगों के बीच जब नीतीश कुमार मंच पर पहुंचे तो पूरे मैदान में तालियों की आवाज गूंज उठी। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई और इसी के साथ बिहार की राजनीति में आज उनकी दसवीं पारी औपचारिक रूप से शुरू हो गई। यह आयोजन केवल एक राज्यस्तरीय कार्यक्रम नहीं रहा बल्कि राष्ट्रीय स्तर का आकर्षण बन गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बने।
नीतीश कुमार के बाद सम्राट चौधरी ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके इस पद पर पुनः चयन ने यह संकेत दिया कि संगठन उनके कार्य प्रदर्शन से संतुष्ट है और निरंतरता बनाए रखना चाहता है। इसके तुरंत बाद विजय सिन्हा ने भी उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। दोनों नेताओं को दोबारा यह जिम्मेदारी दिए जाने से स्पष्ट है कि सरकार अनुभव और स्थिरता को प्राथमिकता दे रही है।
शपथ ग्रहण में अनुभवी और नए चेहरों का संतुलित समावेश सरकार की अगली दिशा को दर्शाता है। इस नई टीम में कई ऐसे नाम शामिल हुए हैं जिनकी राजनीतिक यात्रा, अनुभव और प्रभाव लंबे समय से राज्य की राजनीति को प्रभावित करते रहे हैं। रामकृपाल यादव इस समारोह के सबसे चर्चित चेहरों में शामिल रहे। वे पांच बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं और इस बार पहली बार विधायक बनकर सीधे मंत्री पद तक पहुंचे हैं। कभी उन्हें लालू प्रसाद यादव का करीबी माना जाता था और पाटलिपुत्र क्षेत्र में उनकी पहचान काफी मजबूत रही है।
यादव समाज को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया गया है। रामकृपाल यादव के साथ बिजेंद्र प्रसाद यादव को शामिल कर सरकार ने यह संदेश दिया है कि समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा। श्रवण कुमार, मंगल पांडेय, दिलीप जायसवाल, अशोक चौधरी, लेशी सिंह, मदन सहनी और नितिन नवीन भी इस नई सरकार का हिस्सा बने हैं। ये सभी नेता पूर्व अनुभव और मजबूत राजनीतिक उपस्थिति के कारण महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के लिए स्वाभाविक रूप से दावेदार माने जाते हैं।
शपथ लेने वालों में संतोष सुमन, मोहम्मद जमा खान, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद और सुरेंद्र मेहता भी शामिल हैं। इन नेताओं के साथ सरकार ने क्षेत्रीय संतुलन और सामाजिक सहभागिता का ध्यान रखा है। नारायण प्रसाद, रमा निषाद, लखनेंद्र कुमार रौशन, श्रेयसी सिंह और प्रमोद कुमार ने भी मंत्रिमंडल में स्थान पाकर टीम को और व्यापक बनाया है। इसके अलावा संजय कुमार, संजय कुमार सिंह और दीपक प्रकाश ने भी शपथ ली जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि सरकार ने अनुभव, युवा ऊर्जा और सभी क्षेत्रों के संतुलित प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखकर यह टीम तैयार की है।
गांधी मैदान में संपन्न हुआ यह शपथ ग्रहण सिर्फ सत्ता परिवर्तन का कार्यक्रम नहीं था बल्कि बिहार की भविष्य दिशा का संकेत भी था। नीतीश कुमार की अगुवाई वाली यह टीम राज्य में राजनीतिक स्थिरता, प्रशासनिक मजबूती और गठबंधन की एकजुटता का संदेश देती है। मंच पर मौजूद नेताओं और भीड़ का उत्साह यह दर्शाता है कि बिहार के अगले अध्याय को लेकर लोगों की अपेक्षाएं कितनी ऊंची हैं।
यह भी पढ़ें… नई दिल्ली : 272 प्रतिष्ठित नागरिकों के खुले पत्र ने नई राजनीतिक बहस छेड़ दी है
यह भी पढ़ें… पश्चिम बंगाल में महिला बीएलओ की मौत
यह भी पढ़ें… मुरादाबाद : एक छात्रा की खामोश जंग और समाज की नाकामी
आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें…
