December 21, 2025

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

मुजफ्फरपुर: एक घर में थम गईं चार सांसें, दो मासूम बच गए

मुजफ्फरपुर
  • तीन बच्चियों और पिता के शव मिलने से इलाके में हड़कंप। मानसिक तनाव और परिस्थितियों की क्रूर तस्वीर सामने आई

Khabari Chiraiya Desk: मुजफ्फरपुर के सकरा थाना क्षेत्र अंतर्गत रूपनट्टी पंचायत का नवलपुर मिश्रौलिया गांव एक ऐसी त्रासदी का गवाह बना, जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया। जिस घर में बच्चों की हंसी गूंजनी चाहिए थी, वहां चीख, सन्नाटा और मौत एक साथ उतर आई। एक पिता, जिसने अपने बच्चों के लिए ही जीना चुना था, आखिरकार परिस्थितियों के बोझ तले टूट गया और अपनी तीन बेटियों के साथ खुद भी जिंदगी से हाथ धो बैठा। इस हृदयविदारक घटना में दो छोटे बेटे किसी तरह मौत के मुंह से बाहर निकल आए।

मृतक की पहचान 40 वर्षीय अमरनाथ राम के रूप में हुई है। अमरनाथ की पत्नी का निधन पहले ही हो चुका था, जिसके बाद से वह अपने पांच बच्चों की परवरिश अकेले कर रहा था। गांव वालों के अनुसार पत्नी के जाने के बाद से अमरनाथ मानसिक रूप से काफी परेशान रहने लगा था। आर्थिक तंगी, बच्चों की जिम्मेदारी और अकेलेपन ने उसे धीरे-धीरे भीतर से तोड़ दिया था। बाहर से वह सामान्य दिखने की कोशिश करता रहा, लेकिन भीतर ही भीतर टूटता चला गया।

सोमवार की सुबह उसने जो किया, उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। अमरनाथ ने पहले अपनी तीन पुत्रियों राधा कुमारी 11 वर्ष, राधिका 9 वर्ष और शिवानी 7 वर्ष के गले में फंदा डाला। इसके बाद उसने अपने दोनों बेटों शिवम कुमार 6 वर्ष और चंदन कुमार 4 वर्ष को भी उसी तरह तैयार किया। बच्चों को ट्रंक पर खड़ा कर छत से लटकने को कहा गया। इस क्रूर पल में तीन मासूम बेटियों की सांसें हमेशा के लिए थम गईं।

हालांकि इस भयावह स्थिति में छह वर्षीय शिवम ने असाधारण सूझबूझ दिखाई। जैसे ही फंदा कसने लगा, उसे घबराहट हुई और उसने ट्रंक से कूदकर किसी तरह अपने गले से फंदा ढीला कर लिया। घुटन और दर्द के बीच उसने खुद को संभाला और फिर अपने छोटे भाई चंदन के गले से भी फंदा खोल दिया। चार साल का चंदन शायद यह भी नहीं समझ पा रहा था कि उसके साथ क्या हो रहा है। दोनों भाइयों की यह सूझबूझ उनकी जान बचाने में काम आई।

दूसरी ओर अमरनाथ राम ने भी खुद फांसी लगाकर जीवन समाप्त कर लिया। जब दोनों बच्चे किसी तरह घर से बाहर निकले और शोर मचाया, तो आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे। घर के भीतर का दृश्य देखकर हर कोई सन्न रह गया। तीन मासूम बच्चियों और पिता के शव छत से लटके हुए थे। गांव में देखते ही देखते कोहराम मच गया। यह मंजर सबसे पहले अमरनाथ के चाचा सीताराम ने देखा, जो बच्चों की आवाज सुनकर वहां पहुंचे थे।

सूचना मिलते ही सकरा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। डीएसपी पूर्वी मनोज कुमार सिंह और फोरेंसिक जांच टीम ने भी घटनास्थल का मुआयना किया। करीब दो घंटे तक गहन जांच के बाद पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है और हर पहलू से मामले की जांच की जा रही है।

यह घटना केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि समाज के लिए भी एक गहरी चेतावनी है कि मानसिक तनाव, आर्थिक दबाव और अकेलेपन को नजरअंदाज करना कितनी बड़ी कीमत वसूल सकता है। नवलपुर मिश्रौलिया गांव में अब सिर्फ सन्नाटा है, जहां हर आंख नम है और हर दिल सवालों से भरा हुआ।

यह भी पढ़ें… बिहार राजनीति: एक तस्वीर और सियासत की दो धारणाएं

यह भी पढ़ें… कोहरे की चादर में जकड़ा जनजीवन

यह भी पढ़ें… दोषरहित पंचक में खुलते हैं कई शुभ कार्यों के रास्ते

यह भी पढ़ें… जिलाधिकारी के नाम पर फर्जी Whatsapp प्रोफाइल से प्रशासन अलर्ट

आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें...

error: Content is protected !!