December 20, 2025

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ईपीएफओ की नामांकन योजना 2025 से नियोक्ताओं को बड़ी राहत

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  • इस योजना में पुराने मामलों को सीमित दंड और ब्याज के साथ सुलझाया जा सकेगा।

Khabari Chiraiya Desk: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कर्मचारी नामांकन योजना 2025 की शुरुआत करते हुए राज्य और स्थानीय सरकारी प्राधिकरणों सहित सभी नियोक्ताओं से इसका लाभ उठाने का आग्रह किया है। इस योजना का मकसद उन कर्मचारियों को ईपीएफ के दायरे में लाना है, जो अब तक किसी न किसी कारण से इससे बाहर रह गए थे, और साथ ही नियोक्ताओं को पुराने गैर-अनुपालन मामलों को सरल तरीके से नियमित करने का अवसर देना है।

ईपीएफओ के अनुसार यह योजना एक विशेष एकमुश्त सुविधा के रूप में लाई गई है, जिससे ईपीएफ कवरेज का विस्तार हो सके और नियोक्ताओं पर अनावश्यक कानूनी या दंडात्मक बोझ न पड़े। इसी उद्देश्य से देशभर में जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत नियोक्ताओं को योजना के प्रावधानों की जानकारी दी जा रही है और विभिन्न सरकारी अधिकारियों से संपर्क कर संविदा और आकस्मिक कर्मचारियों को भी ईपीएफ ढांचे में शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है।

कर्मचारी नामांकन योजना 2025 नवंबर 2025 से शुरू होने वाली छह महीने की विशेष अनुपालन अवधि प्रदान करती है। इस दौरान नियोक्ता स्वेच्छा से उन पात्र कर्मचारियों को नामांकित कर सकते हैं, जो 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच ईपीएफ कवरेज से बाहर रह गए थे। इसका मतलब यह है कि वर्षों से लंबित मामलों को अब बिना बड़ी कानूनी जटिलताओं के सुधारा जा सकता है।

योजना के अंतर्गत ऐसे प्रतिष्ठान भी आवेदन कर सकते हैं, जो अब तक ईपीएफ अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं थे। एक बार कवरेज मिलने के बाद वे अपने पात्र कर्मचारियों को ईपीएफ में नामांकित कर सकते हैं और भविष्य में नियमित अनुपालन सुनिश्चित कर सकते हैं। यह उन नियोक्ताओं के लिए भी राहत है, जो अनजाने में या तकनीकी कारणों से नियमों का पालन नहीं कर पाए थे।

ईईएस 2025 का एक अहम पहलू यह है कि जिन मामलों में कर्मचारियों का अंशदान पहले नहीं काटा गया था, वहां नियोक्ता को केवल नियोक्ता के हिस्से का अंशदान जमा करना होगा। इसके साथ धारा 7क्यू के तहत ब्याज, लागू प्रशासनिक शुल्क और अधिकतम 100 रुपये की एकमुश्त दंडात्मक राशि देनी होगी। ईपीएफओ ने स्पष्ट किया है कि इतना करने पर तीनों ईपीएफ योजनाओं के तहत पूर्ण अनुपालन माना जाएगा, जिससे नियोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।

जो प्रतिष्ठान मूल्यांकन जांच का सामना कर रहे हैं, वे भी इस योजना के तहत पात्र होंगे। इसी तरह प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ भी निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार इस योजना से जुड़े रहेंगे। इससे यह साफ होता है कि सरकार रोजगार और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को आपस में जोड़कर एक व्यापक ढांचा तैयार करना चाहती है।

ईपीएफओ ने नियोक्ताओं से अपील की है कि वे इस समयबद्ध और एक बार मिलने वाले अवसर का पूरा लाभ उठाएं। संगठन का कहना है कि यह कदम सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा के राष्ट्रीय लक्ष्य को मजबूत करेगा। इसी क्रम में ईपीएफओ चिन्हित चूक करने वाले नियोक्ताओं से एसएमएस और ईमेल के जरिए संपर्क करेगा और उन्हें योजना का लाभ उठाकर अपनी पिछली चूकों को नियमित करने के लिए प्रेरित करेगा।

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