आस्था का महापर्व : छठ मईया के गीतों से घाटों पर रहा भक्ति का माहौल, उगते सूर्य को व्रतियों ने दिया अर्घ्य
देवरिया (यूपी)। दुनिया कहती है कि जिसका उदय हुआ है, उसका डूबना निश्चित है। लेकिन छठ महापर्व हमें यह सीख देता है कि जो डूबा है, उसका उदय भी निश्चित है। इसलिए कठिन परिस्थिति आने पर भी घबराएं नहीं, धैर्य रखें और उदय का इंतजार करें…। इस अटूट आस्था और विश्वास के साथ सुरक्षा के व्यापक घेरे के बीच जनपद में लोक आस्था का महापर्व संपन्न हो गया।
सोमवार की अहले सुबह से ही छठ घाट व्रतियों से पट गए। व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान भास्कर से मंगलकामना की। इसके साथ ही छठ उपासना का यह पर्व संपन्न हो गया। प्रसाद ग्रहण करने के साथ व्रतियों ने अपना उपवास तोड़ा। छठ मईया के बज रहे गीतों से घाटों पर भक्ति का माहौल रहा। भक्ति और आस्था में डूबे लोगों ने छठ मईया की पूजा-अर्चना की। इसके एक दिन पूर्व रविवार को व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया था।
पूजा को देखते हुए प्रशासन ने विभिन्न नदी घाटों व पोखरों पर विशेष इंतजाम कर रखा था। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह, एसपी संकल्प पूरे दल-बल के साथ हनुमान मंदिर, सोमनाथ मंदिर व गायत्री मंदिर सहित छठ घाटों का जायजा लेते रहे।
विभिन्न संगठनों के लोगों द्वारा घाटों पर व सड़क किनारे स्टाल लगाकर चाय पानी का इंतजाम किया गया था। व्रती महिलाएं भोर से ही सूप में। फल फूल लेकर घुटने भर पानी में खड़ी होकर सूर्य देवता के उगने का इंतजार करती रहीं और जैसे ही सूर्य देव की लालिमा आसमान में दिखी फिर क्या था पंडित पुरोहितों मंत्रोच्चारण के साथ व्रती महिलाओं अध्य दिलाकर उनके पूजा को सफल कराया।
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