पक्ष-विपक्ष पर हमलावार राकेश टिकैत देवरिया में किसानों को संगठित होकर आंदोलन का मंत्र देकर ताकत दे गए
कहा-ये आंदोलन कब तब चलेगा ये नहीं जानता पर इनता जानता हूं कि अब वैचारिक क्रांति चलेगी और विचार से परिवर्तन आएगा
देवरिया से गणेश धर द्विवेदी की रिपोर्ट…
यूपी के जनपद देवरिया से खबर है कि यहां भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता व किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत पक्ष और विपक्ष दोनों पर हमलावार दिखे। यहां के किसानों को संगठित होकर आंदोलन करने का मंत्र देकर उन्हें ताकत दे गए। यहां उन्होंने कहा कि जब विपक्ष कमजोर होता है तानाशाहों का जन्म होता है और जब तानाशाहों का जन्म होता है तो जनता आंदोलन करती है। मैं अपना काम कर रहा हूं, आंदोलन कर के हम अगाह करते रहे हैं और करते रहेंगे। ये आंदोलन कब तब चलेगा ये तो मैं नहीं जानता पर इनता जानता हूं कि अब वैचारिक क्रांति चलेगी और विचार से परिवर्तन आएगा। वह सोनूघाट स्थित जनता इंटर कॉलेज के मैदान में गुरुवार को आयोजित मंडलीय किसान महापंचायत में किसानों से सीधा संवाद कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने देश में पहले की भी सरकारें देखीं हैं और मौजूदा सरकार भी देख रहे हैं। मौजूदा सरकार में अंतर देखने को मिल रहा है। पहले की सरकारों में आंदालन करने पर बातचीत की जाती थी, मगर मौजूदा सरकार में आंदोलन करने पर उन्हें छोड़ दिया जाता है। दिल्ली में 13 महीने तक किसानों का आंदोलन चला। इस आंदोलन में किसानों से जुड़े मसले थे। एक देश की राजधानी को चारों तरफ से देश के करीब 3 लाख किसानों ने घेर रखा था, लेकिन सरकारें सिर्फ देखती रहीं। पहले वाली सरकारें आंदोलन के दौरान बातचीत करती थीं, कोई भी समस्या पर चर्चा होती थी पर आज वाली सरकार है कि आप आंदोलन करते रहो, बैठो रहो कोई फर्क नहीं पड़ता। पहले की सरकारों में लास्ट होता था तो रास्ता जाम करते तब अधिकारी कहते थे रास्ता जाम मत करो, लेकिन आज अधिकारी कहते हैं कर लो रास्ता जाम। इनकी सोच है कि ये बदनाम होंगे तो जनता समझ लेगी, ये फर्क आ गया है।
मौजूदा सरकार पर हमलावर टिकैत ने कहा कि ये छल बाजी करते हैं, ये लड़ाने-भिड़ाने का काम करते हैं। पार्टियों, संगठनों को तोड़ने का काम करते हैं। ये जोड़-तोड़ कर कमजोर करना चाहते है। ऐसी सरकार से किसानों को सावधान रहते हुए संगठित होने की जरूरत है। गांव-गांव संगठन की ताकत को बढ़ाने की आवश्यकता हैं। अपनी जमीनों की सुरक्षा को लेकर आंदोलन करने की जरूरत है, जब हम संगठित होंगे तभी हमारी जमीनें बचेंगी। एक्ट का उदाहरण देते हुए टिकैत ने कहा कि संगठित नहीं रहेंगे तो हमारी पूरी जमीनें चली जाएंगी। ये आपकी जमीनों को व्यपारियों के हवाले कर देंगे।
टिकैत ने कहा कि आज जिस जनपद की धरती पर मैं खड़ा हूं, इस जनपद की पहचान कभी चीनी से थी। शुगर मिलों के नाम से जाना जाता था। यहां 14 शुगर फैक्ट्रियां थीं। आज शुगर मिल लगाने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा 26 तारिख को किसानों की समस्याओं को लेकर एक बड़ी पंचायत है, उसमें देवरिया की समस्याओं को अपने एजेंडे में शामिल करुंगा। ऐजेंडे में देवरिया की बंद चीनी मिलों को चालू किया जाए, नई चीनी मिल लगाई जाएं और यहां बांध पानी और कटान की समस्या को दूर किया जाए, इसका मांग करुंगा। यहां टिकैत ने किसानों को 26 तारिख को पंचायत में बड़ी संख्या में आने का न्यौता दिया।
महापंचायत को विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व भाकियू के मंडल अध्यक्ष विनय सिंह सैंथवार, जिलाध्यक्ष राघवेंद्र शाही, श्यामदेव राय, जय सिंह प्रताप, विस्मिल्लाह अंसारी, रामदुलारे शर्मा, मुन्ना सिंह पटेल, वृजनंदन यादव ने बड़ा माला पहनाकर स्वागत किया। इस महापंचायत में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष किसान शामिल हुए। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी टाईट दिखी।
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