शिक्षा की बदलती तस्वीर…‘बच्चों इंग्लिश का ज्ञान है बहुत आसान रे…A to Z के 26 लेटर का रखना तू ध्यान’…
प्राथमिक विद्यालयों से बच्चों को जोड़े रखने के लिए एक तरफ राज्य की सरकारें तमाम स्कीमें चला रहीं हैं। मीड-डे-मील, ड्रेस, कॉपी- किताबें तक सरकार दे रही है, ताकि विद्यालय से बच्चे जुड़े रहे और उनकी नियमित कक्षाएं चलें और बच्चों की प्राथमिक शिक्षा की नीव मजबूत हो। सरकार की स्कीमों के बंदरबॉट की खबरें आती रहीं हैं। आज हम एक ऐसी खबर की बात कर रहे हैं, जिस पर सरकारें घ्यान दें तो ये वाकई में विद्यालयों से बच्चों को जोड़े रखने में कारगर साबित हो सकती है।
जी, हां हम बात कर रहे हैं गीत-संगीत का, जो बच्चों की पढ़ाई-लिखाई यानी पठन-पाठन में रुझान पैदा कर सकती है। सोशल मीडिया पर चल रहे ऐसे तमाम वीडियो इस बात की बानगी हैं कि गीत-संगीत के जरिए मास्टर जी कैसे बच्चों को पढ़ा रहे हैं। नैतिक शिक्षा की बात करें, या इंग्लिश पढ़ाने के टिप्स या फिर गणित सॉल्ब करने के मैजिक की बात करें। यदि सरकारें ध्यान दें, तो वाकई इस विधा से प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
सोशल मीडिया पर बिहार के कई प्राथमिक विद्यालयों के गीत-संगीत एक्टिवीटी के जरिए बच्चों के दिल में पढ़ाई-लिखाई और विद्यालयों से बच्चों को जोड़े रखने की कोशिश की गई है, वह काबिले तारिफ है। हमें समस्तीपुर के चर्चित शिक्षक बैजनाथ रजक की वीडियो सोशल मीडिया से मिली, जिसमें वह बच्चों को इंग्लिश पढ़ा रहे हैं।
बच्चों को बता रहे हैं कि ‘बच्चों इंग्लिश का ज्ञान है बहुत आसान रे…A to Z के 26 लेटर का रखना तू ध्यान’…‘इंग्लिश का ज्ञान है बहुत आसान रे…हिन्दी में स्वर और व्यंजन है इनका नाम…इंग्लिश का नॉलेज है बहुत आसान रे…।
शिक्षक बैजनाथ रजक राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय मालदह में शिक्षक हैं। इनके बारे में बताया जाता है कि ये बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के तौर-तरीकों को लेकर पहले भी खूब सुर्खियां बटोर चुके हैं। आपदा, लू, खेल-खेल में हिंदी से अंग्रेजी में वाक्य बनाने, गर्मी की छुट्टियों में घर पर रहकर किताब से दोस्ती करने, नियमित रूप से बच्चों को स्कूल आने पर गाना गाते हुए पढ़ाने की वीडियो वायरल होकर खूब तारीफ बटोर चुका है। शिक्षक बैजनाथ रजक की यह नई वीडियो चर्चे में है, जिसमें वह बच्चों को गीत के माध्यम से इंग्लिश का ज्ञान दे रहे हैं।
“गांव-देहात के बच्चे अभी भी अंग्रेजी से दूर भागते हैं। उनका मानना है कि अंग्रेजी भाषा सुगम्य नहीं है। ऐसे में उन्हें यह विश्वास दिलाना आवश्यक हो जाता है कि अंग्रेजी सीखना कठिन नहीं बल्कि बहुत आसान है। बस धीरे-धीरे अंग्रेजी से दिल लगाने की आवश्यकता है”।- बैजनाथ रजक, शिक्षक राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय, मालदह
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