संयुक्त संघर्ष मोर्चा नें उठाया टूटी सड़कों की मरम्मत की मांग, जिला प्रशासन को दिया 15 दिन का अल्टीमेटम
देवरिया (यूपी)। जनपद में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत की मांग उठाई गई है। बताया जाता है कि ये जिन सड़कों की मरम्मत करने के लिए आवाज बलुंद की गई है, वे सभी सड़कें प्रमुख हैं। इनकी कनेक्टिविटी शहर की मुख्य सड़क से है। संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने इस कड़ाके की ठंड में इस मांग को उठाया और जिला प्रशासन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
मोर्चा ने कहा है कि यदि प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया तो वे तय समय के बाद बड़ा जनआंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। मोर्चा के अध्यक्ष विजय जुआठा के नेतृत्व में मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचा और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत की मांग को उठाते हुए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
मीडिया से बातचीत में मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि बहुत हुआ विकास-विकास का नारा। जनपद की ये क्षतिग्रस्त सड़कें, जिनकीं कनेक्टिविटी शहर से है, इनकी हालत बताती हैं विकास की सच्चाई क्या है। सड़कें टूटी रहने से आमजनमानस को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर शासन-प्रशासन की नजर नहीं है, ये चिन्ता का विषय है।
प्रशासन खुद चलकर देखे इन सड़कों की हकीकत, तब पता चलेगा कि जनपद में विकास का मॉडल क्या है। उन्होंने कहा कि क्या जनपद की टूटी सड़कें विकास का मॉडल हैं, जनप्रतिनियों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को केवल वोट चाहिए, उन्हें लोगों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि कठिनइया-बेलडाड़ मार्ग, गोरयाघाट कंचनपुर मार्ग, सीसी रोड़-चटनी गड़ही से कतरारी चौराहा तक और रामनाथ देवरिया नगर अन्दर से लक्ष्मीनरायण मन्दिर तक की बात करें या फिर सिंचाई विभाग चौराहे से खरजरवां तक, भूजौली उद्यान विभाग से भुजौली गांव तक, चकिअवां ढाला से पिपरपाती नहर तक या महुआबारी से मुवाडीह तक की सड़कों की बात करें ये सब सड़के टूटी हैं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों से तो नहीं, लेकिन जनमानस को प्रशासन से अपेक्षा है। प्रशासन इन सड़कों की हकीकत का आंकलन करें और इन सड़कों की मतम्मत कराए, ताकि जनमानास का भरोसा प्रशासन पर कायम रहे। इस दौरान दिग्विजय चौबे, जय प्रकाश नाटे, रामशीष यादव सहित अन्य मौजूद रहे।
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