November 21, 2024

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एम्स गोरखपुर के डायरेक्टर डॉ. जी. के. पाल पद से हटाए गए

डॉ. जी. के. पाल।

डॉ. जी. के. पाल।

UP: गोरखपुर एम्स से एक बड़ी खबर सामने आई है। एम्स गोरखपुर में बेटे की नियुक्ति में फर्जी आय प्रमाण-पत्र के आरोप में घिरे, डायरेक्टर डॉ. जी. के. पाल को उनके पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. ए. के. सिंह को एम्स गोरखपुर का अतिरिक्त प्रभार सौपा गया है।

खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि फर्जी आय प्रमाण-पत्र के आधार पर ओबीसी कोटे में बेटे के एमडी में प्रवेश को लेकर डॉ. पाल के खिलाफ स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार से लेकर कई बिंदुओं पर जांच चल रही थी। इससे पूर्व डॉ. सुरेखा किशोर को भी अनियमितताओं के चलते ही गोरखपुर एम्स के डायरेक्टर पद से हटना पड़ा था।

बेटे के प्रमाण-पत्र की जांच करने गुरुवार को विजिलेंस की टीम भी गोरखपुर एम्स पहुंची थी। इसके बाद चर्चाओं का बाजार पूरी तरह गर्म था। इस टीम ने ओपीडी इंचार्ज से भी मुलाकात की थी और कुछ उनसे भी सवाल जवाब किए थे। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता डॉक्टर गौरव गुप्ता से भी टीम मुलाकात करना चाह रही थी, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो पाई।

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बताया जा रहा है कि एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. पाल के बेटे ओरो प्रकाश पाल का ओबीसी का प्रमाण-पत्र पटना से जारी हुआ है, इस मामले में डीएम पटना भी कमेटी बनाकर जांच कर रहे हैं। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के आदेश के बाद 3 सदस्यीय केंद्रीय टीम भी मामले की जांच कर रही है। टीम में विजिलेंस के लाइजन अफसर भी शामिल हैं। इसे लेकर पूरे एम्स में गहमा गहमी का माहौल है।

टीम को यह भी बताया गया कि 2 अक्टूबर को कार्यकारी निदेशक का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इसी बीच डॉ. जी. के. पाल को उनके पद से हटाकर भोपाल एम्स के डायरेक्टर को नई तैनाती दे दी गई है, जिससे एक नए सिरे से माहौल में मोड़ आ गया है। अभी तक यह भी चर्चा चल रही थी कि पाल का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अब सब कुछ पर पूर्णविराम लग गया है।

यह था पूरा मामला

एम्स के सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉक्टर गौरव गुप्ता ने कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर जी. के. पाल के खिलाफ शिकायत की थी, कि वह अपने बेटे डॉक्टर ओरो प्रकाश पाल का फर्जी ओबीसी प्रमाण-पत्र बनवाकर, एम्स के माइक्रोबायोलॉजी पाठ्यक्रम में प्रवेश दिलाए हैं और एचसीएल का लाभ लेने की भी शिकायत उन्होंने की थी। शिकायत के बाद बेटे ने चार दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया था।

इस मामले में एम्स के कार्यकारी निदेशक ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच के लिए केंद्रीय कमेटी गठित की गई है। कमेटी के जांच के बाद ही सही जानकारी सभी को हो जाएगी। जो भी आरोप लगाए गए हैं, वह सभी तथ्यहीन हैं। रही बात विजिलेंस जांच की तो इसकी जानकारी अभी उन्हें नहीं है। अगर जांच के लिए कोई आता है तो सहयोग किया जाएगा। फिलहाल अब उन्हें उनके पद से हटा दिया गया है। अब आगे की जांच किस ओर और कैसे मुड़ती है यह देखने वाली बात होगी।

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