राष्ट्रपति भवन में कलाकारों ने अपनी कला को दिया नया आयाम

राष्ट्रपति भवन : कला प्रदर्शनी का अवलोकन करतीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु।
कला प्रदर्शनी देखने के बाद कलाकारों के एक समूह से मिलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु
नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन में आज कला और संस्कृति का जीवंत संगम देखने को मिला, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एक विशेष कला प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस मौके पर उन्होंने कलाकारों के एक समूह से मुलाकात की, जिन्होंने अपने अनूठे दृष्टिकोण और प्राकृतिक रंगों से सजी जनजातीय कलाकृतियों का प्रदर्शन किया। सृजन 2024 की ‘आर्टिस्ट-इन-रेजीडेंसी’ पहल के तहत इन कलाकारों ने राष्ट्रपति भवन में प्रवास के दौरान अपनी कला को नया आयाम दिया।
जनजातीय कला के माध्यम से प्रकृति का जश्न
राष्ट्रपति मुर्मु ने कलाकारों द्वारा प्रस्तुत कलाकृतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन चित्रों में मानव और प्रकृति के बीच का शाश्वत संबंध स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आता है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे इन कलाकारों की रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए इन कलाकृतियों को न केवल सराहें, बल्कि उन्हें खरीदकर इन कलाकारों का समर्थन भी करें।
देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभाशाली कलाकार
इस पहल के अंतर्गत राष्ट्रपति भवन में प्रवास कर रहे कलाकारों का संबंध देश के विभिन्न हिस्सों से है। इनमें छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, मिज़ोरम, तेलंगाना, उत्तराखंड और झारखंड से आए कलाकार शामिल हैं। इन कलाकारों का निवास मुख्य रूप से बाघ अभ्यारण्यों के आसपास है, जिससे उनकी कला में प्रकृति का अनोखा सौंदर्य परिलक्षित होता है।
पारंपरिक जनजातीय कला में नवाचार
इस प्रदर्शनी में कलाकारों ने सौरा, गोंड, वारली, ऐपण और सोहराई जैसे प्राचीन कला प्रारूपों का समकालीन रूप में प्रयोग किया। प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करते हुए इन कलाकारों ने पारंपरिक कलाओं में आधुनिक रचनात्मकता का समावेश किया, जो कला-प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना।
कला और संस्कृति को बढ़ावा देने का आह्वान
राष्ट्रपति मुर्मु ने कला और संस्कृति के संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल कलाकारों को प्रेरित करते हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे इन कलाकृतियों को प्रोत्साहित कर कलाकारों का हौसला बढ़ाएं।
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