April 20, 2025

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मुजफ्फरपुर में बिहार-यूपी के पहलवानों ने दिखाए दांव-पेंच

मुजफ्फरपुर : विजयी छपरा गांव के अखाड़े में पहलवान।

मुजफ्फरपुर : विजयी छपरा गांव के अखाड़े में पहलवान।

छठ पर्व पर विजयी छपरा में 72 वर्षों से कायम है दंगल की परंपरा, जुटी हजारों की भीड़

बिहार। मुजफ्फरपुर के कांटी प्रखंड की अहियापुर थाना अंतर्गत विजयी छपरा गांव में छठ पर्व के अवसर पर पारन के बाद कुश्ती दंगल का आयोजन हुआ, जहां आज भी लोगों ने पूर्वजों द्वारा शुरू की गई इस परंपरा को जीवित रखा है। आधुनिक दौर में क्रिकेट के बढ़ते प्रभाव के बावजूद इस दंगल को देखने के लिए हजारों लोग जुटे। शुक्रवार को मुजफ्फरपुर के इस ऐतिहासिक अखाड़े में बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, अयोध्या और नेपाल से भी पहलवानों ने भाग लिया।

पहलवानों का जोरदार प्रदर्शन और सम्मान

दंगल में कुल 32 जोड़ी पहलवानों ने अपने-अपने दांव-पेंच का जोर दिखाया। दर्शकों के उत्साह और तालियों के बीच पहलवानों ने अखाड़े में दमखम का प्रदर्शन किया। हर जीत पर दर्शकों ने जयकारे लगाए और हारने वाले पहलवानों का भी उत्साहवर्धन किया गया। दंगल आयोजन में मुखिया अशोक सहनी, पूर्व पार्षद दिलीप कुमार, उप मुखिया सुजीत कुमार, और अन्य स्थानीय नेताओं की अहम भूमिका रही। जीतने वाले पहलवानों को इनाम देकर सम्मानित किया गया, वहीं हारने वाले पहलवानों को भी सम्मानजनक पुरस्कार देकर उनका मनोबल बढ़ाया गया।

मुजफ्फरपुर : विजयी छपरा गांव के अखाड़े में पहलवान।
 विजयी छपरा गांव के अखाड़े में पहलवान।

1952 से चली आ रही ऐतिहासिक परंपरा

विजयी छपरा का यह दंगल वर्ष 1952 में शुरू हुआ था, जब देश-विदेश के नामी पहलवान इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए यहां आते थे। इन पहलवानों का गांव के लोग आदर और सत्कार करते थे और ये पहलवान स्थानीय युवाओं को दांव-पेंच सिखाते थे। समय के साथ पहलवानों की संख्या में कमी आई, परंतु इस परंपरा को अब भी ग्रामीणों ने जीवित रखा है, जो छठ पर्व के पारन का हिस्सा बन चुकी है।

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