सीएम योगी ने कहा, बच्चों को सिर्फ पाठ्यक्रम की किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए

लखनऊ : गोमती पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन करते सीएम योगी।
कार्यक्रम के दौरान एक दिलचस्प वाकया हुआ जब एक छोटी बच्ची ने मुख्यमंत्री योगी से कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री बनना चाहिए, तो बच्ची के इस भोलेपन पर योगी मुस्कुराते हुए बोले, “देश को पीएम मोदी जैसा प्रधानमंत्री चाहिए, मुझ जैसा नहीं।”
यूपी। लखनऊ में आयोजित गोमती पुस्तक महोत्सव का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को किया। यह महोत्सव बच्चों और युवाओं को किताबों के प्रति जागरूक करने का एक प्रयास है। उद्घाटन के दौरान योगी ने बच्चों से मुलाकात की, उन्हें किताबें और चॉकलेट वितरित कीं। बच्चों में उनके साथ मिलकर खुशी की लहर दौड़ पड़ी, और माहौल बेहद सौहार्दपूर्ण हो गया।
इस कार्यक्रम के दौरान एक दिलचस्प वाकया हुआ जब एक छोटी बच्ची ने मुख्यमंत्री योगी से कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री बनना चाहिए। बच्ची के इस भोलेपन पर योगी मुस्कुराते हुए बोले, “देश को पीएम मोदी जैसा प्रधानमंत्री चाहिए, मुझ जैसा नहीं।” यह सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग मुस्कुरा उठे। हालांकि, बच्ची का असल में यह कहने का मतलब था कि योगी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहें। इस छोटी सी घटना ने वहां का माहौल और भी खुशनुमा बना दिया।
इसके बाद सीएम योगी ने बच्चों को शिक्षा के महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि बच्चों को सिर्फ पाठ्यक्रम की किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि रचनात्मकता को बढ़ावा देने वाली किताबें भी पढ़नी चाहिए। उन्होंने वैदिक काल की शिक्षा प्रणाली का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय का पठन-पाठन बहुत सुंदर और पूर्णता प्रदान करने वाला था। योगी के इस संदेश से स्पष्ट होता है कि वह नई पीढ़ी को सिर्फ शिक्षा के साधारण अर्थ में नहीं, बल्कि उसमें नवोन्मेष और सृजनात्मकता की भावना विकसित करना चाहते हैं।
गोमती पुस्तक महोत्सव के बाद, मुख्यमंत्री योगी इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान पहुंचे, जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश की पहली डबल डेकर इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह बस न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि यूपी के सार्वजनिक परिवहन में एक नए युग की शुरुआत का संकेत भी है। इसके साथ ही, योगी ने ‘आकांक्षा हाट’ का भी उद्घाटन किया, जो स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्प को प्रोत्साहित करने का प्रयास है।
इस तरह, मुख्यमंत्री का यह दौरा बच्चों को पढ़ने की प्रेरणा देने और प्रदेश में पर्यावरण हितैषी परिवहन और कारीगरी को बढ़ावा देने के प्रयासों को रेखांकित करता है। गोमती पुस्तक महोत्सव और अन्य उद्घाटन समारोहों में उनकी भागीदारी से उनकी शिक्षा, पर्यावरण और सांस्कृतिक संवर्धन के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई देती है।
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