‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’: 10,000 युवा स्वयंसेवकों की ऐतिहासिक पदयात्रा

नए भारत के युवा ‘विकसित भारत’ के निर्माण में अग्रणी : डॉ. मांडविया
नई दिल्ली: नई दिल्ली में 75वें संविधान दिवस के उपलक्ष्य में ‘माय भारत’ के स्वयंसेवकों द्वारा आयोजित “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” पदयात्रा ने एक नई ऊर्जा का संचार किया। केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की अगुवाई में 6 किलोमीटर लंबी यह पदयात्रा मेजर ध्यानचंद स्टेडियम से शुरू होकर कर्तव्य पथ और इंडिया गेट तक गई। इस ऐतिहासिक आयोजन में 10,000 से अधिक युवा स्वयंसेवकों, केंद्रीय मंत्रियों और प्रमुख युवा हस्तियों ने भाग लिया।
संविधान की प्रस्तावना से शुरू हुआ राष्ट्रीय संदेश
कार्यक्रम का शुभारंभ ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत डॉ. मांडविया और उनके संसदीय सहयोगियों द्वारा वृक्षारोपण से हुआ। इसके बाद इंडिया गेट पर आयोजित समारोह में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया गया। इस दौरान न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व जैसे संवैधानिक मूल्यों को युवाओं ने आत्मसात किया। डॉ. मांडविया ने इस अवसर पर कहा कि “नए भारत के युवा ‘विकसित भारत’ के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। संविधान दिवस पर उनकी यह प्रतिबद्धता भारत के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक मजबूत कदम है।”
संविधान की विकास यात्रा को प्रदर्शित करती प्रदर्शनी
पदयात्रा के आरंभ में एक प्रदर्शनी के जरिए भारतीय संविधान की विकास यात्रा और प्रमुख हस्तियों के योगदान को दिखाया गया। युवा प्रतिभागियों ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे नेताओं का जीवंत चित्रण किया। मार्ग में सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने उत्सव को और खास बनाया, जिसमें गुजराती नृत्य, राजस्थानी लोक नृत्य और पंजाबी भांगड़ा शामिल थे।
युवाओं की सक्रिय भागीदारी से सजा आयोजन
इस आयोजन में एनसीआर क्षेत्र के 125 से अधिक कॉलेजों और एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस जैसे संगठनों के युवाओं ने हिस्सा लिया। पदयात्रा के दौरान माय भारत पंजीकरण अभियान भी चलाया गया, जिसमें युवाओं ने ‘प्रस्तावना थीम’ पर आधारित सेल्फी पॉइंट्स पर तस्वीरें खिंचवाईं। स्वच्छ भारत मिशन को ध्यान में रखते हुए, पूरे मार्ग पर स्वयंसेवकों ने स्वच्छता अभियान भी चलाया।
विकसित भारत के लिए संवैधानिक मूल्यों का संदेश
पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य युवाओं को संवैधानिक मूल्यों से जोड़ना और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के महत्व को समझाना था। इंडिया गेट पर विशेष समारोह में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पुष्पांजलि अर्पित कर उनकी देशभक्ति को स्मरण किया गया।
इस आयोजन ने संविधान के 75वें वर्ष को एक मील का पत्थर बना दिया। यह पदयात्रा न केवल युवाओं के जोश और प्रतिबद्धता का परिचायक रही, बल्कि उनके जरिए ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक ठोस प्रयास भी साबित हुई।
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