10,000 रुपए से अधिक के गारमेंट्स पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का सुझाव
जीएसटी को तर्कसंगत बनाने की प्रक्रिया तेज : सिगरेट, तंबाकू, और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों जैसे उत्पादों पर बढ़ेगा जीएसटी दर
नई दिल्ली। देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को तर्कसंगत बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। सोमवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में, बिहार के उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह (जीओएम) ने सिगरेट, तंबाकू और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों जैसे हानिकारिक उत्पादों पर जीएसटी दर बढ़ाने की सिफारिश की है। वर्तमान में इन उत्पादों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू है, जिसे बढ़ाकर 35 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव है। यह फैसला देश में स्वास्थ्य सुधार और उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हालांकि, अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल की बैठक में होगा।
रेडीमेड गारमेंट्स पर भी लागू होंगी नई दरें
मंत्रिसमूह ने रेडीमेड गारमेंट्स पर जीएसटी दरों को भी नए सिरे से निर्धारित करने का प्रस्ताव दिया है। प्रस्तावित बदलावों के तहत, 1,500 रुपये तक के रेडीमेड कपड़ों पर 5 प्रतिशत जीएसटी, 1,500 से 10,000 रुपये तक के कपड़ों पर 18 प्रतिशत और 10,000 रुपये से अधिक के गारमेंट्स पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने का सुझाव दिया गया है। यह कदम फैशन उद्योग में कर ढांचे को संतुलित करने और उच्च मूल्य के गारमेंट्स पर अधिक कर सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मंत्रिसमूह में शामिल राज्यों का योगदान
इस फैसले में कई राज्यों की भागीदारी रही। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी की अध्यक्षता वाले इस मंत्रिसमूह में असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के सदस्य शामिल थे। इन सभी राज्यों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए, जिन पर मंत्रिसमूह ने विस्तार से चर्चा की।
स्वास्थ्य और राजस्व दोनों को साधने की कोशिश
कार्बोनेटेड पेय और तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाने का उद्देश्य न केवल राजस्व में वृद्धि करना है, बल्कि इन उत्पादों के उपयोग को हतोत्साहित करना भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा, बल्कि राज्य सरकारों को राजस्व संग्रह में भी मदद करेगा।
फैसले पर काउंसिल की मुहर बाकी
हालांकि, जीओएम की यह सिफारिशें तभी लागू होंगी जब जीएसटी काउंसिल इन्हें मंजूरी देगी। माना जा रहा है कि काउंसिल की अगली बैठक में इन प्रस्तावों पर चर्चा होगी। सरकार का उद्देश्य जीएसटी ढांचे को न केवल सरल बनाना है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक उद्देश्यों को भी साधना है।
उद्योग जगत की प्रतिक्रियाएं
रेडीमेड गारमेंट्स और तंबाकू उत्पादों पर कर दरों में बदलाव की खबर पर उद्योग जगत से मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कपड़ा उद्योग से जुड़े कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च मूल्य के गारमेंट्स पर अधिक कर से मांग पर असर पड़ सकता है, जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस फैसले को तंबाकू और सिगरेट के उपभोग को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानते हैं।
जीएसटी सुधारों का व्यापक असर
जीएसटी दरों में यह संभावित बदलाव देश के कर ढांचे को बेहतर बनाने और इसे समावेशी बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। यदि ये सिफारिशें लागू होती हैं, तो यह उपभोक्ताओं की आदतों पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं और सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
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