117 करोड़ की अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी, सीबीआई की छापेमारी में बड़ा खुलासा
भारत में बढ़ती डिजिटल लेन-देन की संख्या के साथ ही साइबर अपराधों में वृद्धि देखी जा रही है
नई दिल्ली : देश में ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर सुरक्षा की चिंताओं को हवा दे दी है। सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली और एनसीआर के लगभग 10 स्थानों पर छापेमारी कर 117 करोड़ रुपये की साइबर वित्तीय धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया। इस बड़ी कार्रवाई में गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र से मिली शिकायत के आधार पर दर्ज मामले की जांच की जा रही है।
ठगी का मॉड्यूल: विदेश से संचालित नेटवर्क
सीबीआई की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि यह ठगी एक संगठित अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह द्वारा की जा रही है, जो विदेश से अपनी गतिविधियों का संचालन करता है। ये ठग भारतीय नागरिकों को अपनी योजनाओं में फंसाने के लिए सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करते हैं।
ठगों द्वारा लोगों को अंशकालिक नौकरी के अवसरों और शुरुआती निवेश पर ऊंचे रिटर्न का लालच देकर जाल में फंसाया जाता है। एक बार व्यक्ति इनके जाल में फंस जाता है, तो उसे लगातार अधिक निवेश करने के लिए मजबूर किया जाता है। ठग म्यूल अकाउंट्स के जटिल नेटवर्क का उपयोग करके धन को इस तरह स्थानांतरित करते हैं कि उसके मूल स्रोत का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
तलाशी के दौरान क्या मिला?
सीबीआई ने छापेमारी के दौरान कई अहम सबूत जब्त किए, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और वित्तीय रिकॉर्ड शामिल हैं। ये सबूत संदिग्ध ठगों की ठगी में संलिप्तता को साबित कर सकते हैं। छापेमारी में 10 परिसरों को खंगाला गया, जहां से यह जानकारी सामने आई है कि ठगों का नेटवर्क न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय है।
साइबर ठगी का बढ़ता खतरा: जिम्मेदारी किसकी?
साइबर ठगी के इन मामलों ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि डिजिटल युग में लोगों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदम कितने प्रभावी हैं। भारत में बढ़ती डिजिटल लेन-देन की संख्या के साथ ही साइबर अपराधों में वृद्धि देखी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि साइबर सुरक्षा जागरूकता की कमी और कमजोर सुरक्षा उपाय इस तरह के अपराधों को बढ़ावा देते हैं।
प्रभावितों के लिए क्या सबक?
इस तरह की घटनाएं दिखाती हैं कि आम जनता को ऑनलाइन लेन-देन और निवेश के दौरान अधिक सतर्क रहना चाहिए। सोशल मीडिया पर नौकरी और निवेश से जुड़े प्रस्तावों को स्वीकार करने से पहले उनकी वैधता की जांच करना जरूरी है।
सख्त कानून और जागरूकता जरूरी
विशेषज्ञों का सुझाव है कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए मजबूत कानून और उसकी सख्ती से पालना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, लोगों को ऑनलाइन ठगी के नए तरीकों और उनसे बचने के उपायों के प्रति जागरूक करना समय की मांग है।
सीबीआई की अगली कार्रवाई क्या होगी?
सीबीआई की इस कार्रवाई से अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के खिलाफ मजबूत कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। एजेंसी द्वारा जब्त किए गए सुबूत और गिरफ्तार संदिग्धों से पूछताछ के आधार पर ठगी के इस गिरोह की पूरी साजिश का पर्दाफाश हो सकता है।
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