स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ 2025 : भव्य आयोजन में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की मिसाल

महाकुंभ में 1.5 लाख शौचालय और 25 हजार डस्टबिन की व्यवस्था
यूपी : प्रयागराज में महाकुंभ 2025 को स्वच्छ और प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए ऐतिहासिक तैयारियां हो रही हैं। 1.5 लाख शौचालय और 25 हजार कूड़ेदान लगाने की योजना के साथ यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी अद्वितीय होगा। 10 हजार सफाई कर्मी और 1800 गंगा सेवादूत पूरे आयोजन में स्वच्छता सुनिश्चित करेंगे।
प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ का संकल्प
अखाड़ा परिषद और प्रयागराज नगर निगम ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है। इसके विकल्प के रूप में दोने-पत्तल, जूट बैग और कुल्हड़ जैसे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। महिलाओं के समूह इन उत्पादों को बनाकर मेला क्षेत्र में उपलब्ध कराएंगे।
गंगा सेवादूतों की विशेष भूमिका
प्रशिक्षित गंगा सेवादूत मेला क्षेत्र की सफाई और प्लास्टिक मुक्त वातावरण बनाने में अहम योगदान देंगे। ये सेवादूत स्वच्छता का निरीक्षण करेंगे और समस्याओं को आईसीटी सिस्टम के जरिए हल करेंगे।
सफाई कर्मियों के लिए विशेष सुविधाएं
सफाई कर्मियों के लिए स्वच्छता कॉलोनी, आयुष्मान योजना, और बीमा पॉलिसी की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफाईकर्मियों को सेफ्टी किट और सुरक्षा बीमा सर्टिफिकेट प्रदान किए हैं।
टेक्नोलॉजी से सशक्त स्वच्छता अभियान
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से स्वच्छता की रियल-टाइम मॉनिटरिंग होगी। जीपीएस लैस टिपर वैन और कॉम्पैक्टर ट्रक कचरे का संग्रह करेंगे। हर 25 मीटर पर कूड़ेदान रखे जाएंगे।
जन-जागरूकता अभियान
जनता को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए पोस्ट कार्ड अभियान, नुक्कड़ नाटक, और दीवारों पर स्वच्छता संदेश देने वाली कलाकृतियां बनाई जा रही हैं।
‘हरित कुंभ’ का संकल्प
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा पूरे देश में ‘एक थाली, एक थैला’ अभियान चलाया जा रहा है। कुंभ में आने वाले श्रद्धालु स्टील की थाली और कपड़े के बैग का ही उपयोग करेंगे।
वैश्विक प्रेरणा बनेगा स्वच्छ महाकुंभ
महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक होगा बल्कि वैश्विक स्तर पर स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का प्रेरक संदेश भी देगा। यह आयोजन स्वच्छता और स्थिरता की मिसाल कायम करेगा।
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