निजीकरण के विरोध में झांसी में हुई बिजली पंचायत, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का नारा “न बंटेंगे न बिकेंगे”

झांसी में हुई पंचायत में जुटे बिजली कर्मचारी।
बिजली कर्मचारियों का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसा, 01 जनवरी को पूरे प्रदेश के बिजली कर्मचारी काली पट्टी बांधकर दर्ज कराएंगे अपना विरोध
Khabari Chiraiya Desk : यूपी में बिजली के निजीकरण के विरोध में झांसी में हुई बिजली पंचायत में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने निर्णायक संघर्ष का ऐलान किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने नारा दिया कि हम “न बंटेंगे न बिकेंगे” लेकिन अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे। पंचायत में नेताओं ने निर्णय लिया कि साल 2025 के पहले दिन 01 जनवरी को पूरे प्रदेश के बिजली कर्मचारी काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
नेताओं ने कहा कि बिजली कर्मचारियों का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा है। बिजली कर्मचारी मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लगातार सुधार में लगे हैं। उन्होंने तर्क दिया कि वर्ष 2016-17 में 41 प्रतिशत हानियां थीं, जो वर्ष 2023-24 में घटकर 17 प्रतिशत हो गई हैं। बिजली कर्मचारी अगले एक दो वर्ष में लाइन हानियों को 15 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। कार्य का अच्छा वातावरण चल रहा था, जिसे पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन ने अचानक निजीकरण की घोषणा कर बिगाड़ दिया।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों में शैलेन्द्र दुबे, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, महेन्द्र राय, पीके दीक्षित, दीपक चक्रवर्ती, सरजू त्रिवेदी ने पंचायत को संबोधित कर कहा कि सरकारी विद्युत वितरण निगम घाटा उठाकर लागत से कम मूल्य पर घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली देते हैं। निजी कंपनी मुनाफे के लिए काम करती हैं। निजीकरण के बाद बिजली की दरों में काफी वृद्धि होती है। वक्ताओं ने बताया कि मंबई में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें 17.71 रुपए प्रति यूनिट है, जबकि उत्तर प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम दरें रु 06.50 प्रति यूनिट है। स्पष्ट है कि निजीकरण होते ही एक झटके में बिजली की दरें तीन गुना बढ़ जाएंगी।
उन्होंने कहा कि पॉवर कारपोरेशन द्वारा तैयार किए गए निजीकरण के मसौदे में पूरे वितरण निगम की समस्त भूमि मात्र 01 रुपए प्रति वर्ष की लीज पर निजी कंपनी को देने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार लाखों करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों को बिना मूल्यांकन किए कौड़ियों के दाम निजी घरानों को सौंपने की साजिश है।
उन्होंने कहा कि मात्र एक रुपए में पूरी जमीन दे देना और बिना मूल्यांकन के कौड़ियों के दाम परिसंपत्तियों को बेचने की कोशिश एक साजिश है। बिजली कर्मचारियों को विश्वास है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।
अगली बिजली पंचायत 05 जनवरी को प्रयागराज में
झांसी की बिजली पंचायत में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने तय किया कि अगली बिजली पंचायत 05 जनवरी को प्रयागराज में आयोजित की जाएगी। इस दौरान नेताओं ने आरोप लगाया गया कि अपनी विफलता से बौखलाए पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और पूर्वांचल एवं पश्चिमांचल के प्रबंध निदेशक वीसी के माध्यम से मनमाने ढंग से लोगों को निलंबित और दंडित कर भय का वातावरण बना रहे हैं, जो पूरी तरह उकसाने वाला कदम है। यदि इनके मनमाने पन पर अंकुश न लगाया गया तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी और गम्भीर परिणाम होंगे।
यह भी पढ़ें.. सीतामढ़ी : शुभम झा हत्याकांड सच या साजिश…?, हत्या के पीछे कौन…?, जानिए पूरी कहानी
- एक युग का अंत, धर्म और समाज सेवा के पुंज का अवसान, पूर्व आईपीएस अधिकारी ने 74 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस ली
- भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वैभव का अद्वितीय उत्सव, 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा यह आयोजन
- महाकुम्भ-2025 : सीएम योगी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को दिया प्रयागराज आने का न्योता
आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें..