October 23, 2025

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

पूर्वी चम्पारण : खुले आकाश तले ठिठुरते मासूम, बिहार सरकार की लापरवाही की तस्वीर उजागर

खुले आकाश तले ठिठुरते बच्चों की तस्वीर।

खुले आकाश तले ठिठुरते बच्चों की तस्वीर।

1939 में स्थापित कन्या विद्यालय पर कब्जा, शिक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में

पूर्वी चम्पारण (बिहार) से नीरज कुमार की रिपोर्ट…

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रेरणा से पूर्वी चंपारण के फेनहारा प्रखंड में 1939 में स्थापित कन्या विद्यालय आज शिक्षा विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार का शिकार हो गया है। यह विद्यालय, जिसे बापू के शिक्षा अभियान का प्रतीक माना जाता है, अब बदहाली का नमूना बन गया है।

फेनहारा प्रखंड के बार परसौनी पंचायत के इजोरबार गांव में स्थापित इस विद्यालय ने कभी ग्रामीण लड़कियों को शिक्षा का उजाला दिया था। परंतु, आजादी के 75 वर्षों बाद भी यह विद्यालय अपने उद्देश्य को पूरा करने में असफल साबित हो रहा है। 2006 में बना विद्यालय भवन शिक्षा समिति के अध्यक्ष शाहिद मास्टर के कब्जे में है, जो आधे भवन में निवास कर रहे हैं।

विद्यालय की दुर्दशा और छात्रों की हालत

विद्यालय में नामांकित छात्राओं की संख्या 103 है, लेकिन भवन और सुविधाओं की कमी के कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। प्रधानाध्यापक मोहम्मद आमिर खुसरू सहित छह शिक्षकों के साथ बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त स्थान और सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। बारिश के दिनों में विद्यालय बंद हो जाता है, और मध्यान भोजन तक प्रधानाध्यापक के घर बनता है।

जमीन विवाद और शिक्षा पर संकट

शिक्षा समिति के अध्यक्ष मोहम्मद परवेज का कहना है कि उनके पिता ने विद्यालय के लिए जमीन दी थी, लेकिन सरकार द्वारा मुआवजा नहीं दिया गया। इसी वजह से उन्होंने भवन पर कब्जा कर लिया। परवेज ने यह भी कहा कि यदि सरकार मुआवजे का भुगतान कर दे, तो वे भवन खाली कर देंगे।

प्रशासन और शिक्षा विभाग की लापरवाही

ग्रामीणों ने 2017 में प्रधानाध्यापक सहित चार लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन मामला अभी भी न्यायालय में लंबित है। इस बीच, जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की निष्क्रियता के कारण विद्यालय की स्थिति और खराब हो रही है।

आखिरकार

1939 में स्थापित यह कन्या विद्यालय आज सवालों के घेरे में है। जहां एक ओर सरकार आधी आबादी को सशक्त बनाने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर इस ऐतिहासिक विद्यालय की बदहाली से शिक्षा विभाग और प्रशासन की संवेदनहीनता उजागर होती है। अब देखना यह है कि क्या यह विद्यालय फिर से अपने उद्देश्य को पूरा कर पाएगा, या आधी आबादी को शिक्षा देने का सपना यहीं धराशायी हो जाएगा।

यह भी पढ़ें.. BPSC अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में सड़क पर उतरे बाम छात्र संगठन, समस्तीपुर में सड़क जाम

आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें..

Advertisements
Cha Ch Cafe
Advertisements
Gulab Ashiyana
error: Content is protected !!