July 23, 2025

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मकर संक्रांति पर महाकुंभ का पहला अमृत स्नान, करोड़ों श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी

अमृत स्नान

अमृत स्नान

उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा के लिए 10,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को किया तैनात

Khabari Chiraiya Desk : मकर संक्रांति के पावन पर्व पर मंगलवार को महाकुंभ का पहला अमृत स्नान संगम तट पर आयोजित किया गया। इस अवसर पर 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में डुबकी लगाई। मकर संक्रांति, जो सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायन की ओर बढ़ने का प्रतीक है, देशभर में धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाई जा रही है। वहीं, पूरे भारत में करोड़ों लोगों ने विभिन्न नदियों और तालाबों में स्नान किया और अपनी शक्ति के अनुसार दान देकर पुण्य अर्जित किया।

अमृत स्नान का शुभारंभ

अमृत स्नान की शुरुआत मंगलवार सुबह 5:30 बजे हुई। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने सबसे पहले संगम में डुबकी लगाई। दोनों अखाड़ों के साधु-संत अपने भव्य जुलूस के साथ सुबह 5:15 बजे अपने शिविर से निकले और संगम पहुंचे। हर अखाड़े को स्नान के लिए 40 मिनट का समय दिया गया है। दूसरे क्रम में श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा और श्री पंचायती आनंद अखाड़ा ने स्नान किया। तीसरे स्थान पर तीन सन्यासी अखाड़े-श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंचाग्नि अखाड़ा ने अमृत स्नान संपन्न किया।

पेशवाई से अमृत स्नान तक का सफर

महाकुंभ के इस आयोजन में पारंपरिक ‘शाही स्नान’ और ‘पेशवाई’ को अब ‘अमृत स्नान’ और ‘छावनी प्रवेश’ नाम दिया गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने बताया कि इन नामों का परिवर्तन संस्कृति के संरक्षण और आध्यात्मिकता के व्यापक प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से किया गया है।

विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन

महाकुंभ 2025, जो 45 दिनों तक चलेगा, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। 10,000 एकड़ में फैले इस आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं। संगम क्षेत्र में 1.5 लाख शौचालय, 1.5 लाख टेंट और 15,000 सफाईकर्मी तैनात किए गए हैं। साथ ही, 69,000 सोलर हाइब्रिड स्ट्रीट लाइट्स और 2,750 कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है।

सुरक्षा और प्रबंधन की विशेष तैयारियां

उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा के लिए 10,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। संगम क्षेत्र को दो भागों में बांटा गया है-एक भाग अखाड़ों के स्नान के लिए और दूसरा आम श्रद्धालुओं के लिए। 24×7 संचालित होने वाला एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र (ICCC) भी स्थापित किया गया है।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं

श्रद्धालुओं के लिए 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र और 1,800 हेक्टेयर में फैली पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वहीं, गंगा में एक तैरती हुई पुलिस चौकी भी बनाई गई है ताकि डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। मकर संक्रांति पर महाकुंभ का यह आयोजन धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिकता का संगम बनकर उभरा है। संगम तट पर गूंजती हर-हर गंगे और जयकारों की आवाजों के बीच श्रद्धालुओं का उत्साह और भक्ति का वातावरण देखते ही बनता है।

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