एसकेएमसीएच में पोस्टमार्टम नियमों की अनदेखी बड़ा मामला, नियम के विरुद्ध कर दिया गया शव का परीक्षण

दंडाधिकारी के बनाए गए मृत्यु समीक्षा पत्र के बावजूद, वीडियो ग्राफी और चिकित्सकीय बोर्ड गठन की प्रक्रिया को भी किया गया नजरअंदाज
Khabari Chiraiya Desk : पोस्टमार्टम नियमों की अनदेखी कर पोस्टमार्टम करने का एक बड़ा मामला सामने आया है। मामला बिहार के मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच से जुड़ा बताया गया है। बताया गया कि एसकेएमसीएच के पोस्टमार्टम विभाग में नियमों के विरुद्ध शव परीक्षण कर दिया गया। क्या वजह है, यह तो जांच का विषय है, लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक यह बात सामने आई कि एसकेएमसीएच में बगैर जिलाधिकारी के आदेश और आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किए बिना रात्रि में शव परीक्षण किया गया। दंडाधिकारी द्वारा बनाए गए मृत्यु समीक्षा पत्र के बावजूद, वीडियो ग्राफी और चिकित्सकीय बोर्ड गठन की प्रक्रिया को भी नजरअंदाज किया जा रहा है।
बताया गया कि पूर्वी चंपारण के हरसिद्धि थाना क्षेत्र के गोविंदापुर वार्ड 13 के निवासी स्वर्गीय सुखी पासवान के 20 वर्षीय पुत्र लव कुश कुमार का सड़ा-गला शव निमिया माई स्थान के पास मिट्टी में दबा हुआ पाया गया था। शव को दंडाधिकारी की मौजूदगी में मिट्टी से निकाला गया, लेकिन सड़न के कारण मोतिहारी में पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका। इसके बाद शव को जिलाधिकारी के आदेश पर मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच भेजा दिया गया।
एसकेएमसीएच में शव परीक्षण के दौरान पुलिस द्वारा वीडियो ग्राफी की व्यवस्था नहीं की गई और न ही चिकित्सकीय बोर्ड का गठन किया गया। नियमों के तहत, सड़े-गले शव के पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सकीय बोर्ड का गठन और प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी अनिवार्य है। लेकिन इन नियमों की अनदेखी करते हुए डॉ. विश्व ज्योति ने अकेले ही पोस्टमार्टम कर दिया।
प्रशासनिक लापरवाही और सवाल
इस घटना ने न केवल पोस्टमार्टम विभाग में जारी अनियमितताओं को उजागर किया है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही को भी रेखांकित किया है। एसकेएमसीएच में नियमों की अनदेखी से प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
क्या होगी कार्रवाई?
जनता और मृतक के परिजन अब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। यह देखना अहम होगा कि प्रशासन ऐसे मामलों में नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाएगा।
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