एल्यूमीनियम फैक्ट्री हादसे में घायल दो और मजदूरों ने दम तोड़ा, मरने वाले मजदूरों की संख्या अब चार हुई

हादसे के बाद की तस्वीर (फाइल फोटो)
समस्तीपुर एल्यूमीनियम फैक्ट्री हादसा : हादसे के दिन दो मजदूरों की हो गई थी मौत, दो घायलों का चल रहा है इलाज, हादसे के बाद से फैक्ट्री मालिक और मैनेजर अन्य कर्मचारियों के साथ फरार, सीओ की तहरीर पर फैक्ट्री मालिक और मैनेजर पर केस, पुलिस की तफ्तीश और तलाश जारी
ज्योति कुमार सिंह उर्फ बाला जी की रिपोर्ट
समस्तीपुर एल्यूमीनियम फैक्ट्री हादसे में घायल दो और मजदूरों ने गुरुवार को दम तोड़ दिया। इस हादसे में मरने वाले मजदूरों की संख्या अब चार पहुंच गई है। गुरुवार को पूसा ब्लॉक की सीओ पल्लवी की तहरीर पर पुलिस ने फैक्ट्री मालिक और मैनेजर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। घटना के बाद से जो मुजफ्फरपुर निवासी फैक्ट्री मालिक दिलीप सिंह, फैक्ट्री के मैनेजर और अन्य कर्मचारियों के साथ फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस की तफ्तीश और तलाश जारी है।
गुरुवार को जिन दो मजदूरों की मौत हुई, उनका इलाज डीएमसीएच दरभंगा में चल रहा था। दोनों मजदूर वैशाली जिले के रहने वाले थे, एक का नाम जतीन ललित और दूसरे का नाम ज्योति साह बताया गया है। जिन दो मजदूरों की मौत हादसे के दिन ही हो गई थी उनकी पहचान दरभंगा के संजय उर्फ जगन्नाथ मुखर्जी और मुजफ्फरपुर के चंदेश्वर राय के रूप में की गई है।
इस हादसे में घायल दो मजदूरों में एक पश्चिम बंगाल का रहने वाला राजबल्लभ भगत और दूसरा पवन कुमार सिंह, जो समस्तीपुर के वैनी थाना क्षेत्र के दिगंबरा गांव का रहने वाला है। इन दोनों का इलाज समस्तीपुर सदर अस्पताल में चल रहा है। बता दें कि बुधवार को बिहार के समस्तीपुर में वैनी थाना क्षेत्र स्थित एल्यूमीनियम फैक्ट्री का बॉयलर ब्लॉस्ट हो गया था।
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पुलिस की तहकीकात में चौकाने वाले तथ्य आए सामने
घटना के बाद शुरू हुई पुलिस की तहकीकात के बाद चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसमें कहीं न कहीं प्रशासन की भी लापरवाही सामने आ रही है। पुलिस की तहकीकात में इस बात का खुलासा हुआ है कि एल्यूमीनियम फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी, इसलिए इसकी नियमित जांच नहीं हो रही थी।
यानी यह फैक्ट्री अवैध नहीं होती तो इसकी नियमित जांच होती और फैक्ट्री के संचालित यंत्रों के कंडीशन भी वेरीफाई होते कि यंत्र चलने लायक हैं या नहीं…?, यानी फैक्ट्री का जो बॉयलर फटा (ब्लास्ट हुआ) उसके रखरखाव में कहीं न कहीं गड़बड़ी थी…?, अब सवाल उठता है अखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है…?,
पुलिस की तहकीकात में दूसरा जो तथ्य सामने आया वह और हैरान करने वाला है। वह यह कि समस्तीपुर जिले के उद्योग और श्रम संसाधन विभाग में इस फैक्ट्री को कोई रिकॉर्ड नहीं है। जबकि हादसे के दिन वहां मौजूद लोगों के मुताबिक यह पता चला था कि यह फैक्ट्री वर्षों से चल रही थी। यहां एल्यूमीनियम के बर्तन बनाए जाते थे और इस फैक्ट्री में करीब 150 से 200 लोग हर दिन कार्य करते थे।
अब फिर सवाल उठता है कि अखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है…?, जिस शहर की फैक्ट्री में एल्यूमीनियम के बर्तन बनाए जाते हों, वहां करीब 200 मजदूर हर दिन काम करते हों और इसका रिकॉर्ड उद्योग और श्रम संसाधन विभाग में न हों…?, इसके लिए कौन जिम्मेदार है, कौन जवाबदेह है, क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिए…?, यह सवाल तो बनता है और उठना लाजमी भी है।
जानें इस पूरे मामले में एएसपी ने क्या कहा…
इस पूरे मामले में गुरुवार को समस्तीपुर एएसपी संजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि चार मजदूरों के मौत की पुष्टि हो चुकी है। फैक्ट्री के गेट में ताला बंद कर दिया गया है, किसी के जाने आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। पूसा प्रखंड की सीओ पल्लवी के आवेदन पर फैक्ट्री मालिक और मैनेजर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
एएसपी ने बताया कि पुलिस की जांच में पता चला है कि फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी, इसलिए इसकी नियमित जांच नहीं हो रही थी। पुलिस की जांच में पता चला कि समस्तीपुर जिले के उद्योग और श्रम संसाधन विभाग में फैक्ट्री का कोई रिकॉर्ड नहीं है। फैक्ट्री मालिक और मैनेजर के बारे में पता लगाया जा रहा है।
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