July 23, 2025

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कोलकाता : आरजी कर रेप-मर्डर केस में संजय रॉय को आजीवन कारावास

आरजी कर रेप-मर्डर केस

आरजी कर रेप-मर्डर केस

सियालदह कोर्ट का सख्त फैसला : 17 लाख मुआवजे का आदेश, पीड़िता के परिवार ने कहा–हमें सिर्फ न्याय चाहिए

Khabari Chiraiya Desk : कोलकाता, बहुचर्चित आरजी कर रेप-मर्डर केस में सोमवार को सियालदह कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने आरोपी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह फैसला 18 जनवरी को दोषी ठहराए जाने के बाद सुनाया गया। इस जघन्य अपराध ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।

न्याय का कड़ा संदेश

अदालत ने सुनवाई के दौरान साफ शब्दों में कहा कि आरोपी के खिलाफ सभी आरोप साबित हो चुके हैं। अदालत ने कहा, “हमने आपको पहले ही सूचित कर दिया था कि किन धाराओं में आपको दोषी ठहराया गया है। अब इन्हीं आधारों पर सजा दी जा रही है।”

आरोपी ने खुद को बताया बेकसूर

सजा सुनाए जाने के बाद संजय रॉय ने अदालत में रोते हुए कहा, “मैंने न तो बलात्कार किया और न ही हत्या। मुझे फंसाया गया है। मुझसे जबरन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए गए। मैंने पहले भी कहा था कि मुझे प्रताड़ित किया गया है। मैं निर्दोष हूं।”

दुर्लभतम मामला, लेकिन पुनर्वास की दलील

अदालत में बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि इस मामले में भी सुधार की गुंजाइश होनी चाहिए। वकील ने कहा, “यह मामला भले ही दुर्लभतम मामलों में से एक हो, लेकिन अदालत को यह दिखाना होगा कि आरोपी को पुनर्वास और सुधार का मौका क्यों नहीं दिया जा सकता।”

सरकारी वकील का जवाब–यह समाज के खिलाफ अपराध है

सरकारी वकील ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी ने न सिर्फ एक युवती की जिंदगी छीनी, बल्कि पूरे समाज की भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने कहा, “यह ऐसा अपराध है, जिसने समाज में भय और आक्रोश पैदा कर दिया है। इस मामले में सिर्फ सख्त सजा ही न्याय है।”

पीड़िता के परिवार ने मुआवजे को ठुकराया

अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पीड़िता के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा दे। लेकिन पीड़िता के माता-पिता ने इस मुआवजे को ठुकराते हुए कहा, “हमें पैसे नहीं चाहिए, हमें न्याय चाहिए। हमारी बेटी के साथ जो हुआ, उसके लिए कोई मुआवजा पर्याप्त नहीं है।”

घटना जिसने पूरे देश को झकझोर दिया

आरजी कर अस्पताल में यह घटना उस समय हुई थी, जब पीड़िता अपने काम के सिलसिले में अस्पताल में मौजूद थी। आरोपी ने न सिर्फ उसके साथ दुष्कर्म किया, बल्कि उसकी निर्ममता से हत्या कर दी। यह घटना सामने आने के बाद पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई थी।

अदालत का मजबूत संदेश

इस फैसले ने एक बार फिर यह साबित किया कि कानून महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों के लिए बिल्कुल भी नरमी नहीं बरतेगा। सियालदह कोर्ट का यह फैसला उन सभी अपराधियों के लिए चेतावनी है, जो सोचते हैं कि वे ऐसे अपराध करके बच सकते हैं।

समाज को सबक

इस मामले ने समाज के लिए भी कई सवाल खड़े किए हैं। क्या हम महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण बना पा रहे हैं? क्या हम ऐसे अपराधों को रोकने के लिए पर्याप्त सतर्क हैं? इस घटना ने एक बार फिर इस बात की ओर इशारा किया है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए समाज को जागरूक और सक्रिय होना पड़ेगा।

यह फैसला न्याय व्यवस्था पर लोगों के विश्वास को और मजबूत करता है और यह दिखाता है कि ऐसे अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाना ही सही न्याय है।

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