April 19, 2025

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दिल्ली चुनावी मैदान में कौन सबसे अमीर, कौन सबसे किफायती?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025

राहुल गांधी 20.40 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सबसे अमीर हैं, वहीं नरेंद्र मोदी के पास 3.02 करोड़ रुपये की संपत्ति

Khabari Chiraiya Desk कौशलेंद्र, नई दिल्ली 

दिल्ली चुनावी समर में सिर्फ वादे, विकास और रणनीतियों की ही नहीं, बल्कि नेताओं की संपत्ति की भी चर्चा गर्म है। सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस के बीच सवाल उठने लगे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी की संपत्ति उनके चुनाव प्रचार और जनता की धारणा पर क्या असर डालती है। तीनों नेता अलग-अलग चुनावी दांव खेल रहे हैं, लेकिन इनकी संपत्ति का आंकड़ा भी चर्चा का बड़ा केंद्र बन गया है। दिलचस्प बात यह है कि जहां राहुल गांधी 20.40 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सबसे अमीर हैं, वहीं नरेंद्र मोदी 3.02 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीनों में सबसे कम संपत्ति वाले नेता हैं।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 2024 लोकसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे के अनुसार 20.40 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ इन नेताओं में सबसे अमीर हैं। उनकी संपत्ति में दिल्ली और अन्य स्थानों पर मौजूद अचल संपत्तियां शामिल हैं। कांग्रेस इस चुनाव में अपनी ‘न्याय यात्रा’ और जनता से जुड़ाव पर जोर दे रही है, लेकिन सोशल मीडिया पर यह सवाल भी उठ रहे हैं कि उनकी संपत्ति का क्या जनता के साथ जुड़ाव पर असर पड़ेगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की 2025 विधानसभा चुनाव के हलफनामे के अनुसार उनकी व्यक्तिगत संपत्ति 1.73 करोड़ रुपये है। हालांकि, उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल की संपत्ति को जोड़कर यह आंकड़ा 4.24 करोड़ रुपये तक पहुंचता है। आम आदमी पार्टी हमेशा सादगी और पारदर्शिता को अपनी पहचान बनाती रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुल संपत्ति 3.02 करोड़ रुपये आंकी गई है, जो तीनों नेताओं में सबसे कम है। मोदी अपनी संपत्ति के बजाय अपनी नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रीय विकास के मुद्दों को चुनाव में प्राथमिकता देते हैं। भारतीय जनता पार्टी का पूरा चुनावी प्रचार उनके नाम और काम पर केंद्रित है, जिसमें ‘डबल इंजन सरकार’ और मजबूत भारत की गारंटी शामिल है।

तीनों नेताओं की संपत्ति उनके चुनावी प्रचार का एक अनदेखा पहलू बन चुकी है। राहुल गांधी की अमीरी को लेकर जहां सवाल उठ रहे हैं, वहीं केजरीवाल की सादगी और मोदी की सीमित संपत्ति को उनकी छवि के मजबूत पहलुओं के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, चुनावी नतीजों पर इसका कितना असर पड़ेगा, यह कहना अभी मुश्किल है। जनता के लिए मुद्दा यह नहीं कि नेता कितना अमीर है, बल्कि यह है कि उनकी नीतियां और नेतृत्व जनता के जीवन को कितना प्रभावित करते हैं।

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