दोस्ती खत्म, अब दुश्मनी पर आमादा-राहुल गांधी का केजरीवाल पर करारा वार

Khabari Chiraiya Desk नई दिल्ली : दिल्ली चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक तलवारें तेज होती जा रही हैं। दिलचस्प यह है कि जो नेता कभी मंच साझा कर भाजपा को सत्ता से हटाने की कसमें खा रहे थे, वे अब एक-दूसरे पर तीखे प्रहार कर रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी इंडिया गठबंधन में एक ही खेमे में थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मिलकर राजनीतिक हमले कर रहे थे। लेकिन अब सत्ता की सियासत ने समीकरण बदल दिए हैं।
कभी भाजपा को घेरने के लिए एकजुट हुए ये नेता अब एक-दूसरे पर ही वार कर रहे हैं। गुरुवार को कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला बोलते हुए उन्हें पीएम मोदी जैसा झूठा करार दिया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल भी जनता से वही खेल खेल रहे हैं, जो मोदी सरकार कर रही है।
बवाना विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक जनसभा में राहुल गांधी ने कहा, “केजरीवाल जी, पांच साल पहले आप कहते थे कि यमुना का पानी इतना साफ कर देंगे कि खुद उसे पीने लगेंगे। लेकिन आज लोग कह रहे हैं कि आप प्रेस कॉन्फ्रेंस में यमुना जल से भरी बोतलें दिखाकर सिर्फ नाटक कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि केजरीवाल भी उतने ही बड़े झूठे हैं जितने मोदी जी। दोनों में कोई खास फर्क नहीं है।”
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि झूठ और दिखावे की राजनीति अब लोगों को समझ में आ रही है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली की जनता अब ठगी महसूस कर रही है और इस बार आम आदमी पार्टी और भाजपा दोनों को जवाब देगी।
दिल्ली में दलित समुदाय के प्रभावशाली लोगों के एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने सामाजिक और आर्थिक न्याय पर जोर देते हुए कहा कि केवल चुनाव जीतकर राजनीतिक पद हासिल करना ही काफी नहीं है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं, बल्कि विचारधारा की लड़ाई है। भाजपा-आरएसएस नफरत फैलाकर देश को बांटना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस जहां नफरत फैलाई जाती है, वहां प्रेम और भाईचारे की दुकान खोलती है।”
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ चुनावी जीत के बारे में नहीं सोच रही, बल्कि वह सामाजिक बदलाव लाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “बजट में हमने देखा कि पिछड़ी जातियों की आबादी 50% है, लेकिन सत्ता में उनकी भागीदारी मात्र 5% है। दलितों की आबादी 15% है, लेकिन सत्ता में उनकी भागीदारी सिर्फ 1% है। इससे बड़ा अन्याय क्या हो सकता है? सिर्फ प्रतिनिधित्व नहीं, बल्कि वास्तविक सत्ता और आर्थिक संसाधनों में भी हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।”
दिल्ली की सियासत में नया मोड़
दिल्ली चुनाव की इस लड़ाई में अब नए समीकरण बन रहे हैं। कांग्रेस, जो कभी AAP के साथ गठबंधन की कोशिश कर रही थी, अब उसे पूरी ताकत से घेर रही है। राहुल गांधी के इस बयान से यह साफ हो गया है कि इस बार कांग्रेस आम आदमी पार्टी को उसी की जमीन पर चुनौती देने का इरादा रखती है।
केजरीवाल और उनकी पार्टी अब तक भाजपा को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानती रही है, लेकिन राहुल गांधी ने उनके लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अब सवाल यह है कि क्या आम आदमी पार्टी इस हमले का जवाब देने के लिए कांग्रेस पर पलटवार करेगी? और क्या दिल्ली में कांग्रेस की यह रणनीति रंग लाएगी? दिल्ली की राजनीति में आने वाले दिनों में बड़े उलटफेर देखने को मिल सकते हैं।
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