यूपी के हापुड़ में बिहार के बेगूसराय का कुख्यात डब्लू यादव मुठभेड़ में ढेर

पुलिस की हिट लिस्ट में था बेगूसराय का कुख्यात डब्लू यादव उर्फ सूरज यादव, 50 हजार का था इनामी, हत्या, लूट, अपहरण और रंगदारी के बिहार में दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज थे
Khabari Chiraiya Desk : खबर है कि बेगूसराय का कुख्यात डब्लू यादव उर्फ सूरज यादव पुलिस की मुठभेड़ में ढेर हो गया। इस कार्रवाई में यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट, एसटीएफ बिहार और स्थानीय सिंभावली पुलिस की भूमिका निर्णायक रही। बताया गया कि बेगूसराय का यह कुख्यात पुलिस की हिट लिस्ट में था। इस पर 50 हजार का इनाम था और इसके ऊपर हत्या, लूट, अपहरण और रंगदारी के बिहार में दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज थे।
खबर के मुताबिक बताया गया कि उत्तर प्रदेश के हापुड़ जनपद में सिंभावली के बड़ढा नहर पुल पर रविवार की रात चली गोलियों की गूंज ने न सिर्फ अपराध की कहानी को विराम दिया, बल्कि पुलिस की सतर्कता और समन्वित कार्रवाई की बड़ी मिसाल पेश की। घटना उस समय घटी जब सिंभावली पुलिस क्षेत्र में नियमित चेकिंग अभियान चला रही थी। इसी दौरान एक संदिग्ध युवक बाइक पर सवार होकर तेज रफ्तार से आता दिखा। पुलिस ने जब उसे रोकने का प्रयास किया तो उसने जवाब में गोलियां चला दी और नहर किनारे जंगल की ओर भागने लगा।
पुलिस ने फौरन मोर्चा संभाला और पीछे लगी एसटीएफ की टीमें भी पहुंच गईं। तीनों टीमों ने मिलकर जंगल की घेराबंदी कर दी और काफी देर चली मुठभेड़ के बाद अंततः बदमाश ढेर हो गया। मरने वाला अपराधी कोई आम शातिर नहीं था। उसकी पहचान बिहार के बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के ज्ञानडोल गांव निवासी डब्लू यादव उर्फ सूरज यादव के रूप में हुई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, उस पर बिहार में दो दर्जन से अधिक संगीन मुकदमे दर्ज थे। हत्या, लूट, अपहरण और रंगदारी जैसे अपराधों में उसकी संलिप्तता थी। यही नहीं, बिहार पुलिस ने उसके ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
गढ़मुक्तेश्वर के क्षेत्राधिकारी वरुण मिश्रा ने पुष्टि करते हुए बताया कि बदमाश पुलिस पर अंधाधुंध गोलीबारी कर रहा था और उसे किसी भी हाल में पकड़वाने का इरादा नहीं था। पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई की और अंततः अपराधी को ढेर कर दिया गया। यह मुठभेड़ सिर्फ एक इनामी अपराधी की मौत नहीं है, बल्कि यह उन सैकड़ों आम लोगों के लिए राहत की खबर है जो उसके आतंक से लंबे समय से त्रस्त थे। पुलिस की इस कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि अपराध कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच पाना असंभव है।
एक ओर जहां यह ऑपरेशन उत्तर प्रदेश और बिहार पुलिस के समन्वय की कामयाब मिसाल है, वहीं दूसरी ओर यह भी दर्शाता है कि अपराध की कोई सीमा नहीं होती, लेकिन अगर पुलिस तंत्र सजग हो तो उसका अंत निश्चित है। ऐसे बदमाशों के लिए कोई कोना सुरक्षित नहीं बचता। इस कार्रवाई के बाद पुलिस तंत्र को चाहिए कि वो ऐसे फरार अपराधियों की सूची को सक्रिय रूप से खंगाले और राज्य की सीमाओं से बाहर जाकर भी तालमेल के साथ कार्रवाई करे। डब्लू यादव जैसे अपराधियों का खात्मा सिर्फ एक केस क्लोज नहीं, बल्कि कानून पर लोगों के भरोसे को मजबूत करने वाला संदेश है।
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