रूस के कामचात्का में आया भूकंप, तटों पर देखी गईं 13 फीट ऊंची लहरें

- अमेरिका ने हवाई द्वीपों के लिए तीन घंटे का अलर्ट जारी किया है, भूकंप की तीव्रता 8.8 मापी गई है
Khabari Chiraiya Desk : रूस के सुदूर पूरबी इलाके कामचात्का प्रायद्वीप में बुधवार की सुबह एक भीषण भूकंप ने दहशत फैला दी। रिक्टर स्केल पर इस प्राकृतिक आपदा की तीव्रता 8.8 मापी गई है, जो हाल के वर्षों में दर्ज किए गए सबसे शक्तिशाली झटकों में से एक है। अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण एजेंसी के अनुसार, भूकंप का केंद्र समुद्र के भीतर 19.3 किलोमीटर की गहराई में था, जो पेट्रोपावलोस्क-कामचात्स्की से करीब 125 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण पूर्व की दिशा में स्थित था।
भूकंप के तुरंत बाद कामचात्का और उसके आस-पास के क्षेत्रों में सुनामी की आशंका को लेकर चेतावनियां जारी की गईं। कामचात्का के समुद्री तटों पर 13 फीट तक ऊंची लहरें देखी गईं, जिससे स्थानीय प्रशासन ने कई तटीय इलाकों से आपात निकासी अभियान शुरू कर दिया है। साखालिन क्षेत्र के सेवेरो-कुरिल्स्क शहर से लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेजा जा रहा है।
कामचात्का के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने एक आधिकारिक वीडियो संदेश में भूकंप को ‘बेहद शक्तिशाली और गंभीर’ करार देते हुए लोगों से तटीय क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। हालांकि अब तक किसी जनहानि या बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।
अमेरिका के नेशनल सुनामी वॉर्निंग सेंटर ने भी अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि अगले तीन घंटों में उत्तर-पश्चिमी हवाई द्वीपों और रूसी समुद्री तटों पर 10 फीट तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। इसके अलावा फिलीपीन्स, चुक, कोसरे, पलाउ और मार्शल द्वीपों तक तीन फीट तक ऊंची लहरें पहुंचने की आशंका जताई गई है। वहीं, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया और ताइवान तक भी हल्की सुनामी लहरें महसूस की जा सकती हैं।
जापान के मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि स्थानीय समयानुसार दोपहर 1 बजे तक वहां के तटीय इलाकों में 3.28 फीट तक ऊंची लहरें पहुंच सकती हैं। जापानी प्रशासन ने नागरिकों से सतर्क रहने और तटीय इलाकों से दूर रहने की अपील की है।
रूस के अलावा भी इस क्षेत्र में कई और भूकंपीय गतिविधियां दर्ज की गई हैं। विल्युचिंक्स शहर से 131 किमी दक्षिण-पूर्व और पेट्रोपावलोस्क से 147 किमी दूर दक्षिण-पूर्व में क्रमशः 6.3 और 6.9 तीव्रता के भूकंप दर्ज किए गए हैं। लगातार हो रही इन गतिविधियों से क्षेत्र में दहशत और अधिक बढ़ गई है।
वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशांत रिंग ऑफ फायर में स्थित इस इलाके में भूकंप और सुनामी की घटनाएं सामान्य हैं, लेकिन इस बार की तीव्रता और लहरों की ऊंचाई ने खतरे के स्तर को काफी बढ़ा दिया है। प्रशासनिक एजेंसियां लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और राहत कार्यों की गति बढ़ा दी गई है।
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