September 5, 2025

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ऑपरेशन सिंदूर ने दिखाया तीनों सेनाओं का अद्वितीय तालमेल और क्षमता

  • संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और आधुनिक युद्ध की तैयारी पर सीडीएस ने रखी रणनीतिक दृष्टि

Khabari Chiraiya Desk नई दिल्ली: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को देश की तीनों सेनाओं के बीच गहरे तालमेल और संचालनात्मक एकजुटता का प्रमाण बताते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि यह विजय केवल सैन्य क्षमता का नहीं, बल्कि संयुक्त रणनीतिक दृष्टिकोण का भी परिचायक है। सिकंदराबाद स्थित कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट (सीडीएम) में 21वें उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम (एचडीएमसी) के प्रतिभागियों और वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करते हुए उन्होंने सशस्त्र बलों में संयुक्तता और एकीकरण को भविष्य के अभियानों की नींव बताया।

जनरल चौहान ने प्रौद्योगिकी-संचालित आधुनिक युद्ध के दौर में विघटनकारी परिवर्तनों का सामना करने के लिए व्यापक क्षमता विकास, आत्मनिर्भरता और सेना में चल रहे परिवर्तनकारी सुधारों की गहन समझ को अनिवार्य बताया। उन्होंने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा संरचना और उच्चतर रक्षा प्रबंधन’ विषय पर अपने व्याख्यान में भारत के रक्षा संगठन के विकास, मौजूदा ढांचे और सैन्य मामलों के विभाग की उपलब्धियों का विस्तार से उल्लेख किया। साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा समितियों की भूमिका, संगठनात्मक पुनर्गठन, थिएटर कमांड की कार्य योजना और संयुक्त क्षमता निर्माण की दिशा में उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला।

इस संबोधन में उन्होंने स्पष्ट किया कि बदलते वैश्विक और क्षेत्रीय परिदृश्यों में सशस्त्र बलों के लिए निरंतर सुधार, आपसी तालमेल और अनुकूलनशीलता ही सबसे बड़े हथियार हैं। इसी क्रम में उन्होंने सीडीएम द्वारा तैयार ‘एकीकृत रसद के लिए संयुक्त प्राइमर’ जारी किया। उन्होंने कहा कि रसद सैन्य अभियानों की रीढ़ है और इसकी प्रक्रियाओं का एकीकरण रणनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह दस्तावेज़ रसद के डिजिटलीकरण, साझा प्रावधान, खरीद व्यवस्था और राष्ट्रीय रसद ढांचे से एकीकरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच तालमेल, दक्षता और संगठनात्मक प्रभावशीलता को बढ़ाना है।

पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक कदम आगे बढ़ते हुए, सीडीएस ने स्मार्ट बाइक पब्लिक साइकिल शेयरिंग सुविधा का भी शुभारंभ किया। यह पहल सीडीएम कर्मचारियों को दैनिक आवागमन के लिए ई-साइकिल की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा और स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहन मिलेगा। यह परियोजना सीडीएम और स्मार्ट बाइक मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से शुरू की गई है और यह सैन्य संस्थानों में पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण है।

कमांडेंट, सीडीएम मेजर जनरल हर्ष छिब्बर ने कार्यक्रम के दौरान सशस्त्र बलों के भविष्य के रणनीतिक नेतृत्व को तैयार करने हेतु व्यावसायिक सैन्य शिक्षा की वर्तमान पहलों की जानकारी दी। 44 सप्ताह तक चलने वाले इस उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम में 167 प्रतिभागी शामिल हैं, जिनमें 12 मित्र देशों के अधिकारी भी मौजूद हैं। यह न केवल सैन्य कूटनीति को मजबूत करता है, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

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