मन की बात @ पीएम मोदी ने दिया प्रेरणा, संकल्प और राष्ट्रभावना का संदेश

- भगत सिंह और लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि, नौसेना की महिला अफसरों की गाथा, छठ पर्व को वैश्विक पहचान और खादी को बढ़ावा देने का आह्वान
Khabari Chiraiya Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 126वें एपिसोड में आज कहा कि यह कार्यक्रम अब तक 125 कड़ियों का सफर तय कर चुका है और हर बार जनता से जुड़ने का अवसर उन्हें नई ऊर्जा देता है। कार्यक्रम की शुरुआत उन्होंने शहीद भगत सिंह और स्वर कोकिला लता मंगेशकर को याद करते हुए की। उन्होंने भगत सिंह के साहस को प्रेरणादायी बताया और कहा कि उनके विचार आज भी युवाओं को देश सेवा की राह दिखाते हैं। लता दीदी के साथ अपने निजी रिश्तों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने भावुक होकर कहा कि वह हर साल उन्हें राखी भेजती थीं।
प्रधानमंत्री ने भारतीय नौसेना की दो महिला अफसरों लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा से लाइव बातचीत कर 47,500 किमी लंबी सागर परिक्रमा की रोमांचक कहानी देश को सुनाई। उन्होंने प्वाइंट नीमो पर तिरंगा फहराने पर गर्व जताया और इसे भारतीय बेटियों के साहस का प्रतीक बताया। छठ महापर्व पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पर्व भारत की संस्कृति की अनमोल धरोहर है और सरकार इसे यूनेस्को की Intangible Cultural Heritage सूची में शामिल कराने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कोलकाता की दुर्गा पूजा को सूची में शामिल होने का उदाहरण देते हुए कहा कि यह हमारी सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच देता है।
गांधी जयंती पर प्रधानमंत्री ने लोगों से खादी खरीदने और #VocalForLocal अभियान को जीवन का हिस्सा बनाने का आग्रह किया। उन्होंने handloom और handicraft नवाचारों के उदाहरण साझा किए जिनसे सैकड़ों परिवारों को रोजगार मिला। प्रधानमंत्री ने आरएसएस की शताब्दी वर्षगांठ पर संगठन की राष्ट्र सेवा को नमन किया और कहा कि स्वयंसेवकों के जीवन में “राष्ट्र प्रथम” की भावना सबसे बड़ी शक्ति है। महर्षि वाल्मीकि जयंती का उल्लेख करते हुए उन्होंने लोगों से अयोध्या में वाल्मीकि और निषादराज मंदिर के दर्शन करने का आग्रह किया।
सांस्कृतिक उपलब्धियों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने Paris के सांस्कृतिक केंद्र “सौन्त्ख मंडपा” के 50 वर्ष पूरे होने पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भूपेन हजारिका के गीतों के अंतरराष्ट्रीय अनुवाद और जुबीन गर्ग के निधन पर दुख जताया। उन्होंने साहित्यकार एस. एल. भैरप्पा को श्रद्धांजलि दी और युवाओं से उनकी रचनाएं पढ़ने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने त्योहारों पर स्वदेशी वस्तुएं खरीदने, स्वच्छता अभियान में शामिल होने और ‘GST बचत उत्सव’ का लाभ लेने का संदेश दिया। अंत में उन्होंने आने वाली दीपावली की शुभकामनाएं दीं और कहा कि अगले महीने भी वे नई प्रेरक कहानियों के साथ जुड़ेंगे।
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