बिहार में चुनावी आचार संहिता लागू, अब हर कदम पर सख्ती

- सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग, प्रचार में भड़काऊ भाषणों और बिना अनुमति सभा-जुलूस पर अब पूरी तरह रोक
अरुण शाही, बिहार
बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसके साथ ही अब प्रशासन ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान की तैयारी तेज कर दी है। चुनावी माहौल में किसी भी तरह के सरकारी प्रभाव को रोकने के लिए कई सख्त प्रावधान लागू किए गए हैं। सरकार के किसी मंत्री या पदाधिकारी को अब किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधा का चुनावी उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। वे हेलीकॉप्टर या सरकारी वाहन का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। केवल निजी या किराए के वाहन ही अनुमत होंगे और उनका खर्च चुनावी व्यय में शामिल किया जाएगा।
सरकारी वेबसाइटों से नेताओं के फोटो हटाने का निर्देश जारी किया गया है। 24 से 48 घंटे के भीतर सभी सार्वजनिक संपत्तियों जैसे दीवारों, सरकारी भवनों और अन्य संरचनाओं से पोस्टर, बैनर और नारे हटाना अनिवार्य किया गया है। यह प्रावधान बिहार प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1985 के अंतर्गत लागू रहेगा। नई योजनाओं की घोषणा या पुरानी योजनाओं के प्रचार पर रोक लगाई गई है। सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किसी भी स्थिति में नहीं किया जा सकेगा। किसी भी तरह के प्रचार सामग्री के लिए पूर्व प्रमाणीकरण आवश्यक होगा, बिना अनुमति के प्रसारण या प्रकाशन प्रतिबंधित रहेगा।
भड़काऊ बयानों, व्यक्तिगत हमलों या जाति-धर्म आधारित अपीलों पर अब पूरी तरह अंकुश रहेगा। चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि किसी भी दल या उम्मीदवार को केवल नीतियों और कार्यक्रमों की आलोचना की अनुमति होगी, न कि व्यक्तिगत या सामुदायिक भावनाओं को भड़काने की। चुनावी सभाओं और जुलूसों के आयोजन के लिए अब पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। किसी भी कार्यक्रम में शोर-शराबा या यातायात बाधा नहीं डालने की हिदायत दी गई है। लाउडस्पीकर के उपयोग पर भी सीमाएं तय की गई हैं-रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग पूर्णतः निषिद्ध रहेगा। मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार के सभी साधनों पर रोक लागू हो जाएगी।
मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का प्रचार, भीड़ या रैली पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। मतदाताओं को शराब परोसना, परिवहन या किसी प्रकार का प्रलोभन देना दंडनीय अपराध माना जाएगा। उम्मीदवारों को सीमित वाहनों के प्रयोग की अनुमति होगी और अनाधिकृत वाहनों को जब्त किया जा सकता है। आचार संहिता लागू होने के साथ ही प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अब हर गतिविधि पर चुनाव आयोग की निगरानी रहेगी। मतदाता से लेकर उम्मीदवार तक, सभी को नियमों का सख्ती से पालन करना होगा ताकि राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराया जा सके।
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