December 21, 2025

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बिहार : भाजपा का नया समीकरण, छह जिलों में नहीं उतारे उम्मीदवार

  • विधानसभा चुनाव : एनडीए के अंदर सीट बंटवारे से बना नया राजनीतिक गणित, चंपारण बना भाजपा का सबसे मजबूत गढ़

Khabari Chiraiya Desk : बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी ने अपने सहयोगी दलों पर पूरा भरोसा जताया है। मधेपुरा, खगड़िया, शेखपुरा, शिवहर, जहानाबाद और रोहतास जैसे छह जिलों में भाजपा का कोई उम्मीदवार नहीं है। इन सीटों पर एनडीए के घटक दल जदयू, लोजपा (आर), हम और रालोमो के प्रत्याशी मैदान में हैं। सीट बंटवारे का यह नया समीकरण भाजपा की बदली रणनीति और गठबंधन की एकजुटता दोनों को दर्शाता है।

भाजपा इस बार बत्तीस जिलों की कुल एक सौ एक सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कुछ जिलों में पार्टी की उपस्थिति बेहद सीमित है। सहरसा, लखीसराय, नालंदा, बक्सर और जमुई में भाजपा केवल एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। वहीं कुछ जिलों में पार्टी का प्रभाव सबसे अधिक दिखाई दे रहा है। पश्चिम चंपारण जिले की बारह सीटों में आठ पर भाजपा के उम्मीदवार उतारे गए हैं जिनमें हरसिद्धि, पिपरा, कल्याणपुर, मोतिहारी, रक्सौल, मधुबन, चिरैया और ढाका शामिल हैं। पूर्वी चंपारण की नौ सीटों में सात पर पार्टी के उम्मीदवार मैदान में हैं।

पटना जिले की चौदह सीटों में भाजपा सात पर चुनाव लड़ रही है। दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भोजपुर और मधुबनी की पांच-पांच सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। राज्य की कुल दो सौ तैंतालीस विधानसभा सीटों में इस बार एनडीए में भाजपा और जदयू को एक सौ एक-एक, लोजपा (आर) को उनतीस, जबकि हम और रालोमो को छह-छह सीटें मिली हैं। मढ़ौरा सीट पर लोजपा (आर) के उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो चुका है।

दो हजार बीस की तुलना में भाजपा ने इस बार अपना क्षेत्रीय फोकस बदल दिया है। पिछली बार भाजपा के उम्मीदवार शिवहर, खगड़िया, शेखपुरा, जहानाबाद और मधेपुरा में नहीं थे। इस बार इनमें रोहतास भी जुड़ गया है। दो हजार बीस में भाजपा ने रोहतास जिले की डिहरी और काराकाट सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। इस बार पार्टी ने दोनों सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ दी हैं।

भाजपा ने अब अपने मजबूत गढ़ों पर ध्यान केंद्रित किया है। चंपारण, पटना, दरभंगा और भोजपुर जैसे जिलों में पार्टी का सघन प्रचार अभियान जारी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह रणनीति एनडीए को बिहार में व्यापक चुनावी लाभ दिला सकती है।

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