December 21, 2025

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नई दिल्ली : अब स्कूलों में तीसरी कक्षा से पढ़ाई जाएगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

  • शिक्षा मंत्रालय ने 2026-27 से तीसरी कक्षा से एआई और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग की पढ़ाई शुरू करने की घोषणा की

Khabari Chiraiya New Delhi : शिक्षा मंत्रालय ने देशभर के स्कूलों में तीसरी कक्षा से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग (सीटी) की पढ़ाई शुरू करने का बड़ा निर्णय लिया है। यह पहल शिक्षा प्रणाली को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने और बच्चों में तर्कशक्ति, विश्लेषण और रचनात्मक सोच विकसित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। यह घोषणा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF-SE) 2023 और नई शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप की गई है। शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (DoSEL) ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों…जैसे CBSE, NCERT, KVS और NVS के साथ मिलकर इस पाठ्यक्रम को तैयार करने का निर्णय लिया है।

तीसरी कक्षा से होगी एआई की शुरुआत

नए शैक्षणिक सत्र 2026-27 से तीसरी कक्षा से ही एआई और सीटी की शिक्षा दी जाएगी। मंत्रालय ने कहा कि बच्चों को शुरुआती उम्र में ही तकनीक और सोच की दिशा में तैयार करना आवश्यक है ताकि वे समाज में तकनीक के नैतिक और जिम्मेदार उपयोग की समझ विकसित कर सकें। DoSEL के सचिव संजय कुमार ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अब “हमारे आसपास की दुनिया से जुड़े एक सार्वभौमिक कौशल” के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे की विशिष्ट क्षमता को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम को समावेशी और संतुलित बनाया जाएगा।

आईआईटी मद्रास की विशेषज्ञ समिति तैयार करेगी ढांचा

इस दिशा में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एआई और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाई है, जिसकी अध्यक्षता आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमन कर रहे हैं। यह समिति पाठ्यक्रम की संरचना, सामग्री, समय आवंटन और संसाधनों के विकास पर काम करेगी। हितधारक परामर्श बैठक में CBSE, NCERT, KVS, NVS और कई बाहरी विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक में सुझाव दिया गया कि शिक्षक प्रशिक्षण और वीडियो आधारित शिक्षण सामग्री इस पाठ्यक्रम के क्रियान्वयन की रीढ़ साबित होगी।

शिक्षक प्रशिक्षण और संसाधन विकास पर जोर

सचिव संजय कुमार ने कहा कि निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल और डिजिटल संसाधन इस प्रक्रिया की मुख्य धारा होंगे। उन्होंने बताया कि NCERT और CBSE के बीच एक समन्वय समिति बनाई जाएगी ताकि गुणवत्ता और संरचना का एकीकृत रूप सुनिश्चित हो सके। संयुक्त सचिव (आईटी) प्राची पांडे ने कहा कि पाठ्यक्रम विकास और क्रियान्वयन तय समयसीमा में पूरा होना चाहिए। दिसंबर 2025 तक संसाधन सामग्री, हैंडबुक और डिजिटल संसाधन तैयार कर लिए जाएंगे, ताकि 2026-27 में इसे सभी स्कूलों में लागू किया जा सके।

‘पब्लिक गुड के लिए एआई’ की दिशा में कदम

मंत्रालय का मानना है कि यह पहल केवल तकनीकी शिक्षा नहीं बल्कि एक सोचने और सीखने की प्रक्रिया को नया आयाम देगी। एआई और सीटी को “पब्लिक गुड” यानी सार्वजनिक हित के लिए नैतिक रूप से इस्तेमाल करने की दिशा में यह शिक्षा बच्चों को प्रेरित करेगी। शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारत को डिजिटल शिक्षा में अग्रणी बनाएगा और आने वाले वर्षों में भारतीय छात्रों को वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा।

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