बिहार: नीतीश सरकार ने निवेश और रोजगार को बनाया मुख्य एजेंडा
- बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से शुरू करने की योजना से उद्योगों को नया जीवन मिलेगा
Khabari Chiraiya Desk : बिहार में नई सरकार के शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विकास की दिशा में बड़े फैसलों की शुरुआत कर दी है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले वर्षों में राज्य का एजेंडा युवाओं के रोजगार, उद्योगों के विस्तार और आधुनिक तकनीक पर आधारित नई अर्थव्यवस्था का निर्माण होगा। हाल के वर्षों में औद्योगिक गतिविधियों में आई बढ़ोतरी को आधार बनाकर सरकार अब तेज और व्यापक परिवर्तन की ओर बढ़ना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि युवाओं को अवसर उपलब्ध कराना हमेशा से सरकार की प्राथमिकता रही है। इसी सोच के तहत पिछले कुछ वर्षों में लाखों युवाओं को रोजगार और सरकारी सेवाओं में अवसर मिले हैं। अब सरकार ने 2025 से 2030 के बीच एक करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। सरकार का मानना है कि बिहार की युवा आबादी उसकी सबसे बड़ी ताकत है और इन्हें सही दिशा देकर राज्य को देश की सर्वाधिक तेज विकास दर वाले प्रदेशों की सूची में शामिल किया जा सकता है।
नई सरकार ने उद्योगों को गति देने के लिए व्यापक योजना तैयार करनी शुरू कर दी है। राज्य में नए औद्योगिक गलियारों के विकास से लेकर उच्च गुणवत्ता वाली आधारभूत संरचना के विस्तार तक कई पहलुओं पर काम प्रस्तावित है। सरकार ने तकनीक आधारित उद्योगों के लिए विशेष माहौल तैयार करने का लक्ष्य रखा है जिसमें रक्षा निर्माण गलियारा सेमीकंडक्टर निर्माण पार्क ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर मेगा टेक सिटी और फिनटेक सिटी को शामिल किया गया है। इसके माध्यम से बिहार को पूर्वी भारत में नई टेक्नोलॉजी राजधानी के रूप में स्थापित करने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि उद्योग जगत से जुड़े बिहार मूल के उद्यमियों से सुझाव लेकर भविष्य की नीतियां तय की जाएंगी। महत्वपूर्ण आर्थिक विशेषज्ञों के सहयोग से विस्तृत ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा ताकि राज्य में उद्योगों का जाल फिर से जीवित हो सके। इसी क्रम में राज्य की पुरानी बंद पड़ी चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने और नई मिलों की स्थापना के लिए भी नीति बन चुकी है जिससे कृषि आधारित उद्योगों को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।
राज्य के शहरों को आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में भी सरकार ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित नये मिशन की शुरुआत कर शहरी विकास को नई पहचान देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी गई है जो उद्योगों से जुड़ी नीतियों के क्रियान्वयन और निगरानी का काम करेगी। सरकार का कहना है कि बिहार में ऊर्जा जल प्रबंधन सड़क नेटवर्क और मानव संसाधन जैसा आधार अब मजबूत हो चुका है और इसी शक्ति को आधार बनाकर आने वाले पांच वर्षों में रोजगार और उद्योग दोनों में बड़ा परिवर्तन दिखाई देगा।
सरकार का दावा है कि बिहार अब उस मुकाम पर पहुंच चुका है जहां से तेज गति वाले औद्योगीकरण को नए भारत की दिशा में निर्णायक योगदान के रूप में देखा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जो काम बिहार शुरू करता है उसे पूरा करना उसकी पहचान है और इसी भरोसे के साथ नई सरकार ने विकास की रफ्तार को और तेज करने का निर्णय लिया है।
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