वीआईपी नेता की हत्या का राज खुला, घर के अंदर ही छिपा था हत्यारा
- लालच और अवैध रिश्तों की साजिश ने खत्म कर दी एक पिता की जिंदगी। एसआईटी ने बेटे पत्नी और एक सहयोगी को पकड़ा, पिस्टल और कारतूस बरामद
Khabari Chiraiya Desk : मोतिहारी के दरपा थाना क्षेत्र का तिनकौनी गांव उस वक्त दहशत और अविश्वास में डूब गया, जब विकासशील इंसान पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष और मछुआ समिति के सक्रिय सदस्य कामेश्वर सहनी की हत्या का पूरा रहस्य पुलिस ने सुलझा लिया। जांच में जो कहानी सामने आई उसने मानवीय रिश्तों की पवित्रता और भरोसे को चकनाचूर कर दिया। कामेश्वर की मौत किसी बाहरी हमलावर के कारण नहीं हुई, बल्कि उनके अपने परिवार ने ही उनकी जिंदगी की डोर काट डाली।
एसपी कार्यालय को घटना की सूचना मिलते ही मोतिहारी के प्रभारी पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी के निर्देश पर रक्सौल डीएसपी की अगुवाई में विशेष जांच दल का गठन किया गया। टीम ने तकनीकी और भौतिक दोनों स्तरों पर जांच शुरू की और धीरे-धीरे वह सच सामने आया जिसने पूरे इलाके को सन्न कर दिया।
रक्सौल डीएसपी मनीष आनंद ने बताया कि कामेश्वर सहनी की हत्या की जड़ में पैतृक संपत्ति पर कब्जा करने की मंशा और घर के भीतर पनप रहा अवैध संबंध था। सावन निषाद और उसकी सौतेली मां सोनी निषाद ने एक-दूसरे के साथ निकटता बढ़ने के बाद कामेश्वर को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। इस खौफनाक षड्यंत्र में सहयोगी के रूप में विकास कुमार भी शामिल था जिसने पूरे हमले के निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एसआईटी ने कांड संख्या 293 की जांच के दौरान घटनास्थल से वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य जुटाए। डीआईयू एसटीएफ डॉग स्क्वायड तक की मदद ली गई। क्राइम सीन का पुनर्निर्माण किया गया और संदिग्धों की गतिविधियों का विश्लेषण किया गया। जांच आगे बढ़ी तो पुलिस ने सबसे पहले विकास कुमार को अभिरक्षा में लिया। पूछताछ में उसने साफ स्वीकार किया कि इस हत्या में मृतक का बेटा सावन निषाद और उसकी सौतेली मां सोनी निषाद ने मुख्य भूमिका निभाई। पूछताछ गहराई तक गई तो पूरा षड्यंत्र सामने आ गया।
बयान के आधार पर पुलिस ने सावन और सोनी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया। सावन के घर की तलाशी में वारदात में इस्तेमाल की गई एक पिस्टल और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए। तीनों गिरफ्तार आरोपियों को कागजी औपचारिकताओं के बाद न्यायिक हिरासत में मोतिहारी जेल भेज दिया गया है, जबकि मन्नू कुमार और शैलेश सिंह जैसे बाकी आरोपी अब भी पुलिस के रडार पर हैं। लगातार छापेमारी की जा रही है और गिरफ्तारी किसी भी समय हो सकती है।
जांच में शामिल अधिकारियों की मेहनत ने इस मामले की परत दर परत खोलकर रख दी। रक्सौल डीएसपी के साथ अंचल निरीक्षक रंजय कुमार दरपा थानाध्यक्ष अनिष कुमार और छौड्दानों तथा आदापुर थाना की पुलिस टीम ने मिलकर इस हत्याकांड को उजागर किया। इस घटना ने समाज के सामने एक भयावह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब एक व्यक्ति अपने ही घर में सुरक्षित नहीं तो फिर भरोसा किस पर किया जाए।
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