November 22, 2024

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सिराथू में 13 वर्षों के संघर्षों की दास्ता के साथ उपजे पारिवारिक विवाद पर तोड़ी अपनी चुप्पी

Anupriya Patel
  • अनुप्रिया ने कहा-मैंने पिता की विचारधारा से कोई समझौता नहीं किया, लेकिन बड़ी बहन ने पिता के सपनों को गिरवी रख दिया
  • कहा-आज 13 वर्षों की आपकी प्रेरणा और हौसलों ने अनुप्रिया को एक बेटी से एक नेता बना दिया, आज यूपी यदि मेरी आवाज सुनता है, तो वो आप की बदौलत

खबरी चिरईया। प्रोफेसर से राजनीति में कदम रखने के बाद अपना दल का कारवां आगे बढ़ाने वाली अपना दल (सोनेलाल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री सोमवार को सिराथू में 13 वर्षों के संघर्षों की दास्ता के साथ उपजे पारिवारिक विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि आज मैं आपके बीच सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे एनडीए प्रत्याशी केशव प्रसाद मौर्य के समर्थन में वोट मांगने के लिए आई हूं और इनके सामने मेरी सगी बड़ी बहन पल्लवी पटेल चुनाव मैदान में हैं, तो सवाल भी लजमी है। आज आपके जेहन में जो सवाल उमड़ रहे हैं, मैं उस हर सवाल का जवाब दूंगी। उन्होंने बड़े ही भावुक अंदाज में कहा कि मैं आज जो भी हूं अपने पूज्य पिता डॉ. सोनेलाल पटेल और माता कृष्णा पटेल की परवरिश का नतीजा हूं। इस संस्कार की देन है कि जब प्रतापगढ़ सीट पर माता कृष्णा पटेल नामांकन किया तो मैंने अपनी जीती हुई सीट पर मां के सम्मान में  अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला लिया, जबकि इस सीट से राज कुमार पाल अपना दल (एस) के विधायक थे।

उन्‍होंने कहा कि जब 2009 में पिता का देहांत हुआ तो अपना दल पार्टी का भविष्य अंधकार नजर आ रहा था। वह संकट का दौर था। उनकी जीवन यात्रा को खत्म होते हुए देख, समाज के लोगों और कार्यकर्ताओं में निराशा थी कि हमारे नेता चले गए। उस वक्त मेरे परिवार से कोई सदस्य राजनीति में सक्रिय नहीं था। मेरा भी राजनीति से कोई वास्ता नहीं था, लेकिन उस वक्त मैंने इस चुनौती को स्वीकार किया और पूज्य पिता की विचारधारा को आगे बढ़ाने का मैंने संकल्प किया कि अपने पिता की विचारधारा को आगे बढ़ाऊंगी। पिता के सपनों को खत्म नहीं होने दूंगी। आज 13 वर्षों की आपकी प्रेरणा और हौसलों ने अनुप्रिया को एक बेटी से एक नेता बना दिया। आज यूपी यदि मेरी आवाज सुनता है, तो वो आप की बदौलत।

Ind vs SL: लखनऊ पहुची टीम इंडिया, 24 फरवरी को लखनऊ के इकाना स्टेडियम में श्रीलंका से होगा T20 मैच

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि डॉ. सोनेलाल पटेल ने कभी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया, न ही दूसरे के सिंबल पर चुनाव लड़े। मैंने भी पिता की विचारधारा से कोई समझौता नहीं किया। हमनें पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाया है, लेकिन मेरी बड़ी बहन ने पिता के सपनों को गिरवी रख दिया और अपना दल की विचारधारा को खत्म करने के लिए समाजवादी पार्टी ने बड़ी बहन को मोहरा बना दिया और उन्हें साइकिल पर बिठा दिया। अब आपको तय करना है कि सोनेलाल के विचारों को बढ़ाने वाली बेटी अनुप्रिया को आगे बढ़ाना है या उनके सपनों को किसी दल को बेचने वाली बेटी को चुनना है।

UP Assembly Election 2022: उस सीरियल बम ब्लास्ट को मैं कभी नहीं भूल सकता हूं ,पीएम मोदी का सपा पर निशाना

पल्लवी पटेल पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी बहन का फर्ज होता है कि छोटी बहन का ख्याल रखे, लेकिन उसने मेरे विरुद्ध मुकदमा दर्ज करा दिया। छोटी बहन अमन पटेल की सम्मपति को हड़प लिया और वसियत अपने नाम करा लिया। पल्लवी पटेल जब अपने घर के लोगों का सम्मान नहीं कर सकतीं तो आप लोगों का सम्मान कैसे करेंगी। ऐसे में मेरा आप सभी कार्यकर्ताओं से निवेदन है आप सभी सोनेलाल के सपनों को जीवित रखें और 27 फरवरी को होने वाले मतदान के समय ईवीम का बटन दबाने से पहले यह जरूर विचार कीजिएगा कि सिराथू से केशव प्रसाद मौर्य नहीं बल्कि अनुप्रिया पटेल चुनाव लड़ रही हैं।

अनुप्रिया के भावुक भाषण के गवाह बने यूपी पंचायत राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी, सांसद आरके पटेल, विधायक दीपक पटेल, सांसद विनोद सोनकर दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सूर्य प्रताप पाल, विधायक शीतला प्रसाद पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष अनीता त्रिपाठी, अपना दल (एस) जिलाध्यक्ष देव प्रताप पटेल, एमएलसी सुरेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम के पुत्र योगेश मौर्य सहित हजारों की संख्या में उमड़ी जनता और कार्यकर्ता।

यह भी पढ़ें…

आगे की खबरों के लिए आप हमारे Website पर बने रहें…

error: Content is protected !!