वरासत दर्ज करने में लापरवाह लेखपालों पर गिरी गाज, 6 को प्रतिकूल प्रविष्टि, दो को चार्जशीट व दो को कारण बताओ नोटिस

निर्विवादित वरासत दर्ज करने के लिए जनपद में चल रहे विशेष अभियान में लापरवाही बरतने वाले लेखपालों के खिलाफ डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश पर सख्त कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई में 6 लेखपालों को प्रतिकूल प्रविष्टि, 2 को चार्जशीट और दो अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। खबर देवरिया जनपद से है। दूसरी ओर डीएम ने अभियान में अच्छा प्रदर्शन करने वाले 10 लेखपालों को पुरस्कृत करते हुए उत्कृष्ट की विशिष्ट प्रविष्टि देने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सभी लेखपाल शासन की मंशानुरूप अभियान को पूरी तरह से सफल बनाकर अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करें।
खराब प्रदर्शन के लिए इन लेखपालों को मिली प्रतिकूल प्रविष्टि
खराब प्रदर्शन के लिए जिन लेखपालों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है, उनमें देवरिया सदर तहसील के हरीशचंद्र पांडेय, सुमित कुमार श्रीवास्तव, रुद्रपुर तहसील के गिरधारी लाल, अनिरुद्ध कुशवाहा, भाटपार रानी के मृत्युंजय कुमार और रहमतुल्लाह का नाम शामिल है। सलेमपुर तहसील के विनय कुमार भारती और धीरेंद्र कुमार को चार्जशीट किया गया है। बरहज तहसील के शमसूल हक व गीता सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर खराब प्रदर्शन की वजह पूछी गई है।
10 लेखपालों को उत्कृष्ट की विशेष प्रविष्टि देकर किया गया पुरस्कृत
वरासत दर्ज करने के अभियान में अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिन 10 लेखपालों को उत्कृष्ट की विशेष प्रविष्टि देकर पुरस्कृत किया गया है उनमें देवरिया सदर तहसील की ज्योति मल्ल, राजू रजक, सलेमपुर तहसील की अंजली सिंह, प्रशांत कुमार राय रुद्रपुर तहसील के सुनील कुमार, भास्कर बरहज तहसील के प्रमोद पासवान, रमेश पटेल, भाटपार रानी तहसील के हरे राम कुमार प्रसाद और अश्वनी श्रीवास्तव का नाम शामिल है, जिन्हें उत्कृष्ट की विशेष प्रविष्टि दी जाएगी।
20 जून तक चलेगा जनपद में निर्विवादित वरासत दर्ज करने का विशेष अभियान
डीएम ने कहा कि जनपद में निर्विवादित वरासत दर्ज करने का विशेष अभियान 20 जून तक चलेगा। जिन नागरिकों की वरासत अभी तक दर्ज नहीं हो सकी है, वे इस अभियान का लाभ उठाते हुए अपनी वरासत दर्ज करा सकते हैं। यदि निर्विवादित वरासत दर्ज करने में नागरिकों को किसी भी स्तर पर कोई समस्या हो तो वे संबंधित उपजिलाधिकारी या स्वयं उनसे संपर्क कर सकते हैं। उनकी समस्याओं का त्वरित निदान कर वरासत दर्ज कराई जाएगी। अभियान के बाद प्रत्येक लेखपाल को अपने कार्यक्षेत्र में निर्विवादित वरासत के एक भी प्रकरण के लंबित नहीं होने का प्रमाण पत्र भी देना होगा।
डीएम की सख्ती का दिखा असर, लंबे समय से लंबित वरासत भी हुई दर्ज
वरासत दर्ज करने की विशेष अभियान में डीएम के सख्त तेवर और नियमित मॉनिटरिंग का असर दिखने लगा है। विशेष अभियान के तहत 20वीं सदी के लंबित वरासत दर्ज करने के प्रकरणों का भी निपटारा देखने को मिल रहा है। सलेमपुर तहसील में मिले सबसे पुराने प्रकरण में खातेदार की मृत्यु 1 जनवरी 1980 को हो गई थी, जिसका वरासत अभी तक दर्ज नहीं हो सका था। लेकिन, डीएम की सख्ती के बाद खातेदार की मृत्यु के लगभग 42 साल बाद वरासत दर्ज हो गई है। इसी प्रकार देवरिया सदर में 1984 रुद्रपुर में 1988 और बरहज में 1990 से लंबित वरासत के प्रकरणों का निपटारा किया गया है।
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