आर्केस्ट्रा ग्रुप की एक नर्तकी का आशिक निकला मुख्य आरोपी, बीच में रोड़ा बने संचालक को मौत के घाट उतारा
रहस्मयी हत्याकांड का खुलासा : हत्या के बाद 4-6 घंटे में पुलिस ने लाश को खोज निकाला और 48 घंटे में पुलिस के हाथ हत्यारों के गिरेबांन तक पहुंच गई, साथी के साथ मुख्य आरोपी गिरफ्तार, खून से सना कंबल, बाइक और संचलाक का मोबाइल बरामद
आर्केस्ट्रा संचालक रामपुकार गोड़ रहस्मयी हत्याकांड मामले में 48 घंटे में पुलिस के हाथ हत्यारों के गिरेबांन तक पहुंच गई और हत्या का सच सामने आ गया। खबर यूपी के जनपद देवरिया से है। खबर के मुताबिक हत्याकांड का मुख्य आरोपी उस आर्केस्ट्रा ग्रुप की एक नर्तकी का आशिक निकला, जो नर्तकी आर्केस्ट्रा संचालक के भी करीब थी। इसलिए आशिक ने बीच में रोड़ा बने आर्केस्ट्रा संचालक को मौत के घाट उतार दिया। इतना ही नहीं हत्या जैसी वारदात को अंजाम देने के बाद लाश को कंबल में लपेटकर बाइक से वारदातस्थल से कोसो दूर बरहजिया रेल लाइन के किनारे गड्ढे में ठिकाने भी लगा दिया था। पुलिस ने नर्तकी के आशिक मुख्य आरोपी मार्कण्डेय पाण्डे उर्फ राहुल को जनपद के रामपुर बुजुर्ग इलाके से उठाया। इसके बारे में बताया जाता है कि यह खुखुन्दु थाना क्षेत्र के बालेपुर निवासी राजेंद्र पाण्डे का बेटा है। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वह इस इलाके में छिपा था।
पुलिस की पूछताछ में उसने अपने इकबाले बयान में हत्याकांड खुलासा किया। उसने पुलिस को बताया कि उसने क्यूं और कैसे हत्या की और कैसे लाश को ठिकाने लगाया। उसने पुलिस को बताया कि पश्चिम बंगाल के सियालहद की रहने वाली नर्तकी 4-5 वर्ष से संचलाक के साथ काम कर रही थी। वहीं उसे सट्टे की बुकिंग मारकंडेय ही लेकर जाता था। बोत-बात में बेवजह संचालक नर्तकी को मारता-पीटता था, जो उसे नागवार गुजरती थी। इस वजह से वह अपने साथी चंदन प्रसाद के साथ मिलकर हत्या जैसी वारदात को अंजाम दिया, जो उसके ही गांव का रहने वाला है।
खून से सना एक कंबल, संचालक का मोबाइल बरामद
पुलिस ने इसके पास खून से सना एक कंबल, आर्केस्ट्रा संचालक का मोबाइल और वह बाइक बरामद कर ली, जिसे लाश को ठिकाने लगाने के लिए इस्तेमाल किया था। खून से सना चाकू और फरसा पुलिस ने घटनास्थल से पहले ही बरामद कर लिया था। सलेमपुर सीओ विनय यादव ने बताया कि उक्त हत्याकांड की तहकीकात में मामला प्रेम-प्रसंग से जुड़ा सामने आया है। आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस अब दोनों को जेल भेजने की तैयारी में है।
आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार पुलिस के हाथ आरोपियों के गिरेबांन तक कैसे पहुंचे। तो आइए जानते है पूरा वाक्या…
हुआ यूं कि जनपद के बरहज थाना क्षेत्र के मोहाव गांव निवासी 35 वर्षीय रामपुकार गोड़ चेरो चौराहे के पास एक किराए का मकान लेकर वहां आर्केस्ट्रा ग्रुप चलाता था। इस ग्रुप में करीब 9 नर्तकियां काम करती थीं, जो शुक्रवार को किसी कार्यक्रम में गईं थीं। शुक्रवार की रात रामपुकार गोड़ मकान में अकेले सो रहा था। शनिवार की सुबह रामपुकार के भाई अनिल गोड़ ने पुलिस को डायल 112 पर सूचना देकर बताया था उसके भाई की हत्या कर दी गई है, लेकिन उसकी लाश का पता नहीं चल रहा है। इस सूचना के बाद सलेमपुर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और तहकीकात शुरू की थी। 4-6 घंटे के बाद पुलिस ने लाश को बरामद कर लिया था ओर शक के आधार पर पुलिस ने भाई और उस नर्तकी को हिरासत में ले लिया था, जिसकी नजदिकियां संचालक से भी थीं। पूछताछ के बाद जब पुलिस के हाथ कोई खास क्लू नहीं मिला तो पुलिस ने दोनों को छोड दिया, लेकिन नर्तकी का मोबाइल जब्त कर लिया। इसके बाद पुलिस ने भाई अनिल गोड़ की तहरीर पर हत्या का मामला दर्ज कर, हत्यारों तक पहुंचने का प्लान बनाया और होमवर्क शुरू किया।
पुलिस ने नर्तकी के मोबाइल से शुरू की तफ्तीश
पुलिस ने अपनी तफ्तीश की शुरुआत नर्तकी के मोबाइल से की। नर्तकी के मोबाइल का कॉल डिटेल निकलवाया। तब पता चला कि हत्या की रात नर्तकी से किसी की लंबी बातचीत हुई थी। पुलिस को यह लंबी बातचीत संदिग्ध लगा और फिर पुलिस अपने मिशन में जुट गई और सफल भी हुई।
गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में ये जिम्मेदार रहे शामिल
गिरफ्तार करने वाली टीम में मुख्य रूप से प्रभारी निरीक्षक सलेमपुर नवीन मिश्रा, एसओजी प्रभारी गोपाल प्रसाद के साथ सादिक, शशिकांत राय, योगेन्द्र कुमार, धनन्जय, मेराज खां, प्रशांत शर्मा, सुदामा यादव, दिव्यशंकर राय, राहुल सिंह, विमलेश सिंह, सुधीर सिंह, इद्रजीज यादव, हेड कास्टेबल राजेश राय, गौरव वर्मा व विक्रांत सिंह का नाम शामिल रहे।
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