देवरिया : डीएम बने गवाह, अपनी ड्यूटी पर नहीं मिले 23 कर्मचारी, एक दिन का वेतन काटने का निर्देश
देवरिया : डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के औचक निरीक्षण में कई विभागों की कार्यशैली और वहां पर तैनात कर्मचारियों की अपनी जवाबदेही के प्रति निष्ठा की सच्चाई सामने आ गई। 23 कर्मचारी अपनी तैनाती स्थान पर गैरहाजिर मिले, जिसका गवाह खुद डीएम बने। निरीक्षण के दौरान बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिश्चंद्र नाथ भी कार्यालय नहीं पहुंच पाए थे। डीएम के पहुंचने की ख़बर मिलते ही वे भी कार्यालय पहुंचे और गैर जनपद में विभागीय बैठक होने का हवाला दिया। डीएम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को समय से कार्यालय आकर शासन की मंशानुरूप निर्धारित समयावधि में जनसमस्याओं की सुनवाई करने की हिदायत दी। डीएम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में विभिन्न पटलों का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। डीएम ने सभी गैरहाजिर कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश देते हुए विभाग के जिम्मेदारों को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है। खबर के मुताबिक डीएम बुधवार को अचानक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, उपनिदेशक कृषि प्रसार व भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय पहुंचे थे।
डीएम सुबह 10:10 पर बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने उपस्थिति पंजिका मंगाकर जांच की, जिसमें कार्यालय में एक दर्जन से अधिक कर्मचारी अनुपस्थित मिले। अनुपस्थित रहने वाले कर्मिकों में वीर बहादुर गुप्त, दिनेश्वर कुमार दीपक, रंगनाथ मिश्र, स्वप्नेश कुमार मंगलम, आलोक कुमार पांडेय, ममता राय, अभिषेक श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार यादव, चंद्रभूषण, उमेश चन्द्र, राजेन्द्र प्रसाद सोनकर, स्वास्तिका जायसवाल और अखिलेश कुमार आर्य का नाम शामिल था।
इसके पश्चात डीएम ने उप निदेशक कृषि प्रसार व भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय का निरीक्षण किया। उपस्थिति पंजिका का पूरे माह में कार्यालय प्रमुख द्वारा एक बार भी अवलोकित न करने पर उन्होंने गहरी नाराज़गी जतायी। उन्होंने उप निदेशक कृषि विकेश कुमार को नियमित रूप से उपस्थिति पंजिका स्वयं देखने का निर्देश दिया। साथ ही लिपिक धर्मेंद्र प्रसाद गुप्ता द्वारा अर्जित अवकाश की स्वीकृति कराये बगैर एवं बिना चार्ज दिए अनुपस्थित रहने पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की। भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय से अशोक कुमार कन्नौजिया, विनीता सिंह, हसामुल हक, अखिलेश यादव, हेमंत कुमार शर्मा, विनोद कुमार, संजय कुमार पांडेय एवं पवन कुमार जायसवाल साढ़े 10 बजे तक कार्यालय नहीं पहुंच सके थे।
डीएम ने समस्त अनुपस्थित कर्मिकों के एक दिन का वेतन काटने के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि बिना उपयुक्त प्राधिकारी की स्वीकृति के कार्यालय से अनुपस्थित रहना घोर लापरवाही को स्पष्ट करता है। ऐसे लोगों के विरुद्ध शासन की नीति के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
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