‘संवाद कार्यक्रम’ में यूपी विस अध्यक्ष ने कहा-सदन में महिला विधायकों की संख्या कम हो सकती हैं पर उनकी जिम्मेदारी नहीं

यूपी : संवाद कार्यक्रम में यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने महिला विधायकों को निडर होकर समाज को दिशा देने का काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सदन में महिला विधायकों की संख्या कम हो सकती हैं पर उनकी जिम्मेदारी कम नहीं हो सकती है। विधानसभा अध्यक्ष सदन के सदस्यों का अलग-अलग ग्रुप बनाकर इन दिनों ‘संवाद कार्यक्रम’ कर रहें है। इसी श्रृंखला में वह महिला विधायकों से संवाद कर रहे थे। इस दौरान संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि महिला विधायक इस बात का प्रयास करें कि वह बार-बार चुनाव जीत कर सदन में आएं और जनसेवा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम करें। सुझाव दिया कि सर्वसमाज के लिए कार्य करके विधान सभा की सदस्य बनें। कहा कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते आपको पीछे करने की कोशिश की जाएगी, लेकिन आप निडर होकर समाज को दिशा देने का काम करें।
राजधानी लखनऊ के एक होटल में आयोजित 18वीं विधानसभा के लिए निर्वाचित महिला सदस्यों के साथ करीब तीन घंटे से अधिक समय तक चले इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिला सदस्यों ने अपनी बातें रखीं। इस दौरान विस अध्यक्ष ने उनका जवाब देते हुए विधानसभा की कार्यवाही की तकनीकियों उन्हें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विधायकों के बारे में आम राय रहती है कि सदन खत्म होते ही उनका काम खत्म हो जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। जनता के प्रति हमारी बड़ी जिम्मेदारी है। इस बात को आपसबको पूरा ख्याल रखना होगा। कहा कि महिला सदस्यों की जिम्मेदारी अधिक होती है, क्योंकि उन्हें कई तरह की भूमिकाएं निभानी होती हैं।
एक महिला सदस्य के सवाल के जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यदि अधिकारी गुमराह करने की कोशिश करें तो आप अपनी योग्यता और तर्कपूर्ण ढ़ग से अपनी बात को उनके सामने रखें। कोई काम असंभव नहीं होता है। इसलिए अपने क्षेत्र के काम के लिए सदन में सवाल उठाएं। सुझाव दिया कि महिला सदस्य जनता के हित के लिए मंत्रियों को पत्र लिखें और उसका जवाब न मिलने पर इसे विधानसभा में उठाने का काम करें, तभी अधिकारियों पर दबाव बनेगा। जितने अधिक प्रश्न लगाए जाएंगे उतनी ही अधिकारियों के सामने आपकी धमक बनेगी।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने उन विधायकों के भी नाम गिनाए जो लगातार चुनाव जीतकर आ रहे हैं। ऐसे विधायकों से प्रेरणा लेने का काम करें। कहा कि सदन में हर महिला सदस्य को बोलना चाहिए। इसके लिए जल्द ही एक दिन ऐसा निर्धारित किया जायेगा, जिसमे केवल महिला सदस्यों को ही बोलने का मौका मिलेगा। जो महिला सदस्य नहीं बोलेंगी उनसे भी बोलने का आग्रह करूंगा। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी बड़ा नेता तभी बन सकता है, जब वह विधानसभा की कार्यवाही में अधिक से अधिक हिस्सा ले। सदन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इसलिए जब भी सीखने का अवसर मिले तो चूकना नहीं चाहिए।
इस संवाद कार्यक्रम में विधायक अनुपमा जायसवाल, कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना, कृष्णा पासवान, प्रतिभा शुक्ला, रानी पक्षालिका सिंह, डॉ. रागिनी सहित अन्य महिला सदस्यों में अर्चना पाण्डेय, अलका सिंह, आश मौर्या, केतकी सिंह, सरिता भदौरिया, इन्द्राणी देवी, उषा मौर्य, डॉ. पल्लवी पटेल, विजमा यादव, सरोज कुरील, रश्मि आर्या, रेखा वर्मा, सलोना कुशवाहा, सरोज सोनकर, मनीषा अनुरागी, डॉ. मंजू शिवाच, विजय लक्ष्मी गौतम, पूनम शंखवार, महाराजी प्रजापति, गीता शस्त्री आदि ने अपने-अपने विचार साझा किया। इस अवसर पर विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने महिला सदस्यों के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया। इस दौरान विधानसभा के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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