पंडित दीनदयाल उपाध्याय व्यक्ति नहीं विचार थे:डॉ रमापति राम त्रिपाठी
सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर विकास भवन में आयोजित हुआ कार्यक्रम, मन की बात का हुआ सजीव प्रसारण
देवरिया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद एवं अन्त्योदय का मौलिक दर्शन दिया, जिसका उद्देश्य समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति का कल्याण करना है। उनका दर्शन नीति-निर्माताओं के लिए पथप्रदर्शिका है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय व्यक्ति नहीं विचार थे।
उक्त बातें सदर सांसद डॉ रमापति राम त्रिपाठी ने विकास भवन के गांधी सभागार में सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत मनाये जा रहे अंत्योदय दिवस के अवसर पर कही। उन्होंने कहा प्रखर राष्ट्रवादी दीनदयाल उपाध्याय का जन्म मथुरा के नगला चंद्रभान के एक अत्यंत साधारण परिवार में हुआ था। उनका बचपन संघर्षों में बीता। उसके बावजूद उन्होंने राष्ट्रवादी विचारधारा को नई दिशा दी। दीनदयाल उपाध्याय का जीवन समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के उत्थान के लिए समर्पित रहा। आज सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं एवं नीतियों पर उनके दर्शन का प्रभाव है।
मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के जीवन एवं अंत्योदय के दर्शन से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
इससे पूर्व कार्यक्रम का औपचारिक प्रारंभ करते हुए सांसद डॉ रमापति राम त्रिपाठी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धाजंलि अर्पित की। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री जी के मन की बात का सजीव प्रसारण भी हुआ, जिसे उपस्थित लोगों ने ध्यानपूर्वक सुना।इस अवसर पर डीपीआरओ अविनाश कुमार सहित विभिन्न अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपास्थित थे।
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