मुख्य सचिव ने कहा-किसी भी स्थिति में मरीज को एम्बुलेंस, टैम्पो व टैक्सी पर अथवा अस्पताल के बाहर न रहने दिया जाए
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कोविड-19@जिला प्रशासन
- सरकार के मुख्य सचिव ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को चिट्ठी जारी कर कहा-यदि किसी मरीज को ऑक्सीजन दी जानी है, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि ऑक्सीजन अस्पताल के अन्दर ही दी जाए
- डीएम आशुतोष निरंजन ने सीएमओ को निर्धारित बिन्दुओं पर तत्काल कार्रवाई करने का दिया निर्देश
KC NEWS/देवरिया से राबी शुक्ला
जब जागो, तभी सवेरा। समय पर इलाज न मिल पाने और अस्पतालों में जिम्मेदारों की लापरवाही और ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ रहे मरीजों की आ रहीं खबरों के बाद सरकार सख्त हुई है। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को काबू करने के लिए सरकार ने जिम्मेदारों की नकेल कसी है। सरकार के मुख्य सचिव ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को चिट्ठी जारी कर कहा है कि किसी भी स्थिति में किसी भी मरीज को एम्बुलेंस, टैम्पो व टैक्सी पर अथवा चिकित्सालय के बाहर न रहने दिया जाए। यदि किसी मरीज को ऑक्सीजन दी जानी है, तो यह सुनिश्चित किए जाएं कि ऑक्सीजन चिकित्सालय के अन्दर ही दी जाए। ऐसे कई निर्देश जारी किए गए हैं। यानी यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि सरकार अब सरकारी अस्पतालों और कोविड़ अस्पतालों पर पैनी नजर रखेगी। मुख्य सचिव ने राज्य के जिलाधिकारियों को कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण को लेकर निर्धारित बिन्दुओं पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी तलब की है। सरकार के मुख्य सचिव के निर्देश के बाद देवरिया जनपद के डीएम आशुतोष निरंजन ने सीएमओ सहित समस्त चिकित्साधिकारी एवं सम्बन्धित अधिकारियों व कर्मचारियों के संज्ञान में लाते हुए कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए निर्धारित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश जारी किया है।
इन निर्धारित बिन्दुओं पर सरकार के मुख्य सचिव ने दिए हैं निर्देश…
- किसी भी मरीज को आवश्यक एम्बुलेंस, टैम्पो व टैक्सी पर अथवा चिकित्सालय के बाहर न रहने दिया जाए
- यदि किसी मरीज को ऑक्सीजन दी जानी है, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि ऑक्सीजन चिकित्सालय के अन्दर ही दी जाए
- सेक्टर स्कीम को प्रभावी करते हुए सभी गम्भीर मरीजों को चिकित्सालय में भर्ती कराना सुनिश्चित किया जाए
- मरीजों को डिस्चार्ज पॉलिसी के अनुसार समय से डिस्चार्ज किया जाए, ताकि नए मरीजों को बेड मिलने में कठिनाई न हो
- प्रत्येक चिकित्सालय के प्रभारी का यह उत्तरदायित्व होगा कि अपराह्न 3.00 से 5.00 बजे के मध्य दूरभाष पर संबंधित चिकित्सकों द्वारा मरीजों के परिजनों को मरीज की स्थिति के बारे में जानकारी दी जाए
- ये दूरभाष नम्बर राज्य स्तरीय कमाण्ड सेन्टर तथा जनपदीय कमाण्ड सेन्टर को भी उपलब्ध कराये जाये
- सभी एल-2 तथा एल-3 कोविड अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे संचालित रहें तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि अस्पतालों में वरिष्ठ चिकित्सक राउण्ड लेते रहें
- उपलब्ध कराये गये ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स में से कितने क्रियाशील हैं, उनसे भी मरीजों को ऑक्सीजन देने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए
- वेन्टीलेटर्स की सूची स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सालयों, तथा निजी चिकित्सालयों के बारे में अलग-अलग भेजी जाए तथा यह भी स्पष्ट किया जाए कि कितनें वेन्टीलेटर्स उपलब्ध हैं और कितने क्रियाशील हैं एवं कितनें खराब हैं
- खराब वेन्टीलेटर्स को तत्काल ठीक कराकर क्रियाशील किए जाएं
- स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सालयों में अलग-अलग कितनें एन्सेथेटिस्ट की आवश्यकता है व कितनें उपलब्ध हैं, इसकी सूचना उपलब्ध कराई जाए
- ऑक्सीजन प्लान्ट्स की स्थापना हेतु सांसद तथा विधायक निधि के अन्तर्गत प्राप्त और स्वीकृत प्रस्तावों की सूचना उपलब्ध करायी जाए और समस्त लंबित प्रस्ताव तत्काल स्वीकृत किए जाएं