जर्जर बस स्टैंड को सदर विधायक ने लगाई राहत की वैक्सीन
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- सदर विधायक ने जर्जर बस बस्टैंड के घावों पर लगाया भरोसे का मरहम
- विधायक का दावा-देवरिया बस स्टैंड को प्रदेश का मॉडल बस स्टैंड बनाऊंगा
- परिवहन निगम के कर्मचारियों और यूनियन के नेताओं से कहा-जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर नव निर्माण की बात करुंगा
देवरिया से राबी शुक्ला की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की जर्जर बस स्टैंड की उम्र बढ़ने वाली है, क्योंकि हमारे माननीय ने ढ़लते उम्र वाले बस स्टैंड को राहत की वैक्सीन लगाई है। अपनी जर्जरता पर आंसू बहाकर अपनी दुर्दशा व्यक्त करने वाले जर्जर बस स्टैंड के घावों पर सदर विधायक डॉ. सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी ने भरोसे का मरहम लगाया है। विधायक ने दावा किया है कि देवरिया बस स्टैंड को प्रदेश का मॉडल बस स्टैंड बनाऊंगा। हम बात कर रहे हैं यूपी के जनपद देवरिया बस स्टैंड की, जिसका निर्माण करीब 47 वर्ष पहले सन 1974 में हुआ था।
अभी इस बस स्टैंड के हालात ऐसे हैं कि यहां के कर्मचारी अपने और अपनों की सुरक्षा के लिहाज से परिसर में बने कैंटिन में वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में सरकारी कार्यों को अंजाम दे रहे हैं और जनसामान्य की सेवा कर रहे हैं, क्योंकि लोक निर्माण विभाग बस स्टैंड की बील्डिंग को जर्जर घोषित करते हुए, इसे निष्प्रयोज्य घोषित कर चुका है। परिवहन विभाग के अधिकारी और यूनियन के नेताओं ने इसकी जर्जरता की फाइलें जिम्मेदारों तक पहुंचाईं, लेकिन उस पर अब तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। ऐसी स्थिति में बस स्टैंड के अस्तित्व को बचाने के लिए कर्मचारी कैंटिन में बैठकर अपना कामकाज निपटा रहे हैं।
बस स्टैंड की दुर्दशा को देखकर दंग होते रहे सदर विधायक
हुआ यह है कि न कोई तैयारी और न ही कोई सूचना थी, अचानक ही सोमवार को सदर विधायक डॉ. सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी कुछ भाजपा नेताओं के साथ बस स्टैंड पहुंच गए। परिवहन विभाग के अधिकारी और यूनियन के नेताओं ने जल्दबाजी में फूल-माला की व्यवस्था की और पहले अपने माननीय का स्वागत किया, फिर बस स्टैंड की जर्जरता की कहानी बयां की। बस स्टैंड का टिकट घर, गैराज, वास रूम, बसों के पार्ट्स रखे जाने वाले रूम, यात्रियों के रुकने की जगह को दिखाया और उसके हालात को बताया। विधायक भी इस बस स्टैंड की दुर्दशा को देखकर दंग होते रहे कि उनके क्षेत्र का एक मात्र बस स्टैंड इस हाल में पड़ा हुआ है।
रोडवेज की बील्डिंग को निष्प्रयोज्य घोषित कर चुका है लोक निर्माण विभाग
विधायक को कर्मचारियों ने बताया कि बस स्टैण्ड के मुख्य भवन को लोक निर्माण विभाग ने निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया है। अर्थात भवन में बैठकर कार्य करना सुरक्षित नहीं है। इसलिए अप्रिय घटना से बचने के लिए मुख्य भवन के कर्मचारी प्रांगण में बने कैंटीन में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत काम कर रहे हैं। एआरएम ओम कुमार मिश्रा ने सदर विधायक को बताया गया कि बस स्टैण्ड के जर्जर भवन के नव निर्माण के लिए क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम गोरखपुर को पत्र लिखकर कई बार अवगत कराया जा चुका है।
विधायक ने एआरएम से मांगी जिम्मेदारों को भेजी गई सभी पत्रों की कॉपी
पूरा हालात जानने के बाद सदर विधायक ने एआरएम से जिम्मेदारों को भेजी गई सभी पत्रों की कॉपी मांगी है। कर्मचारियों और यूनियन के नेताओं को भरोसा जताया है कि इस मुद्दे को लेकर वह जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर बस स्टैंड की स्थिति से अवगत कराएंगे। इसके नव निर्माण की बात करेंगे।
यह बस स्टैंड गोरखपुर मंडल में सबसे सुन्दर और अच्छा बनेगा : सदर विधायक
जर्जर बस स्टैंड काे देखने के बाद मीडिया से रूबरू सदर विधायक ने कहा कि जितनी जमीन और संसाधन देवरिया बस स्टैंड के पास है, मेरा प्रयास होगा कि देवरिया बस स्टैंड प्रदेश का मॉडल बस स्टैंड बने। कहा कि बस स्टैंड का कार्य अब मेरी प्राथमिकता में रहेगा। यह बस स्टैंड गोरखपुर मंडल में सबसे सुन्दर और अच्छा बनेगा। बस स्टैंड परिसर में हाईमास्ट लगाने की कर्मचारियों की मांग पर सदर विधायक ने कहा कि जल्द ही अपनी निधि से परिसर में हाईमास्ट लगवा दूंगा।
एआरएम ने जताई उम्मीद, कहा-बहुत जल्द नए रूप में तैयार होगा बस स्टैंड
एआरएम और कर्मचारियों ने सदर विधायक का स्वागत कर खुशी का इजहार करते हुए कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी जनप्रतिनिधि ने बस स्टैंड और कर्मचारियों की सुध ली है। एआरएम ने उम्मीद जताते हुए कहा कि अब हमें विश्वास है कि बस स्टैंड बहुत जल्द नए रूप में लोगों की सेवा के तैयार होगा।
विधायक के दावे का ये बने गवाह
इस दौरान विधायक के साथ एआरएम के अलावा यूपी रोडवेज संघ के अध्यक्ष दीनानाथ मिश्रा, भाजपा मीडिया प्रमुख अम्बिकेश पाण्डेय, नगर अध्यक्ष भाजपा संजय पाण्डेय, नगर उपाध्यक्ष गोविन्द मणि, सुनील कुमार सिंह स्टेशन इंचार्ज, अवधेश कुमार फोरमैन, धर्मेन्द्र कुशवाहा, अरविन्द कुमार, चन्दन कुमार, मभनुव अहमद, परेज प्रसाद सहित अन्य मौजूद रहे, जो विधायक के दावों के गवाह बने।
एक नजर में जानें बस स्टैंड का इतिहास
- सन 1974 में बनी थी बस स्टैंड की बील्डिंग
- यहां चालक-परिचालक, वर्कशॉप और रोडवेज के कर्मचारियों की संख्या करीब 500 है
- यहां 130 परिचालक और 50 ड्राइवर ड्यूटी दे रहे हैं
- डिपो में कुल बड़ी बसों की संख्या 69 है
- डिपो में अनुबंधित बसों की संख्या 121 है
- यहां से पहले प्रदेश की 44 रूटों पर बसों का संचालन होता था
- अभी परिचालक और चालक के अभाव में 12 रुटों पर संचालन बंद है
- यहां से दिल्ली के लिए 5 बसों का संचालन होता है
- यहां से कानपुर के लिए 8 बसे चलती हैं
- यहां से इलाहाबाद के लिए 1 बस चलती है
- यहां से बनारस के लिए 1 बस चलती है
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