तालिबान ने लश्करगाह पर किया कब्जा, अमेरिका सैनिकों को वापस भेज रहा अफगानिस्तान
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तालिबान ने दक्षिण हेलमंड प्रांत की राजधानी लश्करगाह पर कब्जा कर लिया है। इस बीच अफगानिस्तान के दक्षिणी उरुजगान प्रांत के दो सांसदों का कहना है कि स्थानीय अधिकारियों ने प्रांतीय राजधानी को तेजी से आगे बढ़ रहे तालिबान के हवाले कर दिया है। बिस्मिल्लाह जान मोहम्मद और कुदरतुल्ला रहीमी ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण की पुष्टि की। मोहम्मद का कहना है कि गर्वनर काबुल जाने के लिए हवाई अड्डे की ओर निकल गये है। बता दें कि अमेरिका और सहयोगी बलों ने अफगानिस्तान में करीब दो दशक तक चले युद्ध में सबसे रक्तरंजित लड़ाईयां हेलमंड में लड़ीं।
अमेरिकी सैनिकों की वापसी
तालिबान ने देश की 12 से अधिक प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है और अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच वह देश के दो तिहाई से अधिक हिस्से पर कब्जा हो चुका है। इस बीच समाचार एजेंसी एएफपी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि स्थानीय अधिकारियों ने तालिबान के साथ युद्धविराम का एक समझौता किया है। इसके तहत अगले 48 घंटे के दौरान वो बाक़ी सैनिकों को शहर से बाहर निकाल लेंगे।
इस बीच तालिबान के प्रवक्ता ज़बिहुल्ला मुजाहिद ने भी ऐलान किया है कि लश्करगाह पर कब्जा कर लिया गया है। इससे पहले शुक्रवार तड़के तालिबान ने देश के दूसरे बड़े शहर कंधार पर कब्जा कर लिया। इसे तालिबान की बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। ये शहर कभी तालिबान का गढ़ हुआ करता था, और यह प्रमुख व्यापार केंद्र है और रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है।
इस बीच संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि वो अमेरिकी दूतावास से कर्मचारियों को निकालने में मदद करने के लिए लगभग 3,000 सैनिकों को वापस अफगानिस्तान भेज रहा है। अमेरिका और नाटो के सैनिक करीब 20 साल पहले अफगानिस्तान आये थे और उन्होंने तालिबान सरकार को अपदस्थ किया था। अब अमेरिकी बलों की पूरी तरह वापसी से कुछ सप्ताह पहले तालिबान ने गतिविधियां बढ़ा दी हैं।
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