रबी फसलों में रोग और खरपतवार प्रबंधन जरूरी : जिला कृषि रक्षा अधिकारी
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- जिला कृषि रक्षा अधिकारी रतन शंकर ओझा ने खेती-किसानी को लेकर रबी फसलों में रोग और खरपतवार प्रबंधन के दिए कई टिप्स
KC NEWS। जिला कृषि रक्षा अधिकारी रतन शंकर ओझा ने गुरुवार को खेती-किसानी को लेकर रबी फसलों में रोग और खरपतवार प्रबंधन के कई टिप्स दिए। उन्होंने बताया है कि जिले में इस बार रबी फसलों की बुआई हो चुकी है, कुछ शेष है। शीघ्र ही फसलें बढवार की अवस्था में आ जाएंगी। अभी के मौसम में कोहरा और नमी के कारण और खरपतवारों से गेहूं व अन्य फसलों की क्षति को निर्धारित उपायों को अपनाकर रोकथाम की जा सकती है। इसके लिए किसानों को समय रहते फसलों की सुरक्षा करनी होगी। किसान इसके लिए बताए गए उपायों के अनुसार छिड़काव कर फसलों को सुरक्षित कर सकते हैं।
गेहूं की फसल में होने वाली सकरी पत्ती और चौड़ी पत्ती के खरपतवारों को नियंत्रण को करें ये उपाय
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि गेहूं की फसल में होने वाली सकरी पत्ती और चौड़ी पत्ती दोनों प्रकार के खरपतवारों के एक साथ नियंत्रण हेतु पेण्डीमेथिलीन 30 प्रति ईसी की 3.30ली0/हेक्टेयर बुआई के तीन दिन के अन्दर या सल्फोसल्फयूरान 75 प्रतिशत डब्लूपी की 33 ग्राम (2.5 यूनिट) मात्रा प्रति हेक्टयर बुआई के 25 दिन बाद या मेट्रिब्यूजिन 70 प्रति डब्लूपी की 250 ग्राम प्रति हेक्टेयर या सल्फोसल्फ्यूरान 75 प्रतिशत़ + मेटसल्फ्यूरान मिथाईल 5 प्रतिशत डब्लूजी की 40 ग्राम मात्रा बुआई के 25 दिन बाद 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टयर में छिड़काव करें।
यदि फसल में काली भूरी या पीली गेरुई के लक्षण दिखाई दे तो ऐसे करें छिड़काव
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि यदि फसल में काली भूरी या पीली गेरुई के लक्षण दिखाई दे, तो कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत डब्लूपी की 01 किग्रा मात्रा या डाईथेन एम 45 की 02 किग्रा मात्रा प्रति हेक्टेयर में 600 लीटर पानी में मिलाकर सुरक्षात्मक छिड़काव करें। पीली गेरुई हेतु विशेष रुप से प्रोपीकोनाजोल 25 प्रतिईसी की 500 मिली मात्रा 600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करे। सरसों व तिलहनी फसलों में इस समय यदि कही माहूं कीटों का प्रकोप दिखे तो डाईक्लोरोवास 76 प्रति ईस की 500 मिली लीटर मात्रा या डाईमेथोएट 30 प्रतिईसी की 01 लीटर मात्रा 600 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करें। अल्टरनेरिया ब्लाईट रोग हेतु मैकोजेब 75 प्रति डब्लूपी की दो किग्रा मात्रा प्रति हेक्टेयर में 600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
अरहर, चना, मटर आदि फसलों को फलीछेदक कीट से बचाव हेतु ऐसा करें
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि अरहर, चना, मटर आदि फसलों को फलीछेदक कीट से बचाव हेतु मोनोक्रोटोफास 36प्रतिएसएल की 800 मिली या क्यूनालफास 25 प्रतिशत ईसी की 1.25 लीटर मात्रा 600 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टयर छिड़काव करें। आलू की फसल को झुलसा रोग से बचाव हेतु मैकोजेब 75 प्रतिशत डब्लूपी की 02 किग्रा मात्रा या कापर आक्सीक्लोराईड की 2.5 किग्रा मात्रा प्रति हेक्टयर 600 लीटर पानी में मिलाकर सुरक्षात्मक छिड़काव करें।