जल्द ही आरएलडी योगी मंत्रिमंडल का साझीदार बन सकता है!
यूपी : सियासी गलियारों में चर्चा है कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा के भरोसे की परीक्षा राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) प्रमुख जयंत चौधरी पास कर गए। पार्टी के नौ विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट की आहुति देकर भाजपा हाईकमान का विश्वास जीत लिया है। खबर यह आ रही है कि जल्द ही आरएलडी योगी मंत्रिमंडल का साझीदार बन सकता है। सूत्रों की मानें तो लोकसभा सीटों और योगी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने के मुद्दे पर भाजपा और आरएलडी के बीच सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। आरएलडी को यूपी में एक मंत्री पद और लोकसभा की दो से तीन सीटें मिल सकती हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे पर सपा के साथ कुछ मतभेद होने और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ देने की केंद्र सरकार की घोषणा के बाद आरएलडी के रूख में अचानक बड़ा बदलाव आया। एनडीए में शामिल होने के औपचारिक एलान से पहले ही आरएलडी ने राज्यसभा के चुनाव में भाजपा की मदद की। इस एकजुटता से भाजपा को लोकसभा चुनाव में फायदा दिख रहा है। भाजपा पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन गरम न होने में भी आरएलडी की भूमिका देख रही है। पिछली बार पंजाब के साथ ही पश्चिमी यूपी के भी किसान एमएसपी के मुद्दे पर आंदोलित थे।
आरएलडी की एकजुटता को जयंत की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि मतदान से पहले सियासी गलियारों में आरएलडी विधायकों के क्रॉस वोटिंग के कयास लगाए जा रहे थे। कहा जा रहा था कि पार्टी के कुछ विधायक जयंत चौधरी के ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग होकर ‘एनडीए’ का हिस्सा बनने के फैसले से नाराज हैं।
विधानसभा चुनाव के समय आरएलडी का सपा के साथ गठबंधन था, जिसमें उसके आठ विधायक चुने गए थे। बाद में खतौली सीट पर हुए उप चुनाव में भी सपा ने आरएलडी प्रत्याशी का समर्थन किया था, जिसमें भाजपा को हराकर आरएलडी ने जीत दर्ज की थी। इस जीत के बाद प्रदेश में आरएलडी के कुल नौ विधायक हो गए।
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