September 7, 2025

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डॉ. सीमा से जानें सोरायसिस का सही उपचार

डॉ. सीमा

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  • ठंड का मौसम सोरायसिस के लक्षणों को और खराब कर सकता है, इस मौसम में त्वचा की नमी तेजी से घटती है

मुजफ्फरपुर : शहर के प्रसिद्ध चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. सीमा का कहना है कि सोरायसिस एक तेजी से बढ़ने वाली ऑटो इम्यून बीमारी है, जो त्वचा पर मोटे, पपड़ीदार धब्बे बना देती है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली त्वचा की नई कोशिकाओं के उत्पादन को अनावश्यक रूप से बढ़ा देती है। हालांकि सोरायसिस का कोई स्थायी इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसे सही प्रबंधन और उपचार से नियंत्रित किया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को प्रभावित करती है।

सोरायसिस के कारणों को पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है। डॉ. सीमा बताती हैं कि आनुवंशिकी, मौसमी बदलाव, त्वचा की चोट, संक्रमण और कुछ दवाइयों का उपयोग इसके मुख्य ट्रिगर्स माने जाते हैं। इसके प्रकार भी अलग-अलग होते हैं, जिनमें प्लाक सोरायसिस, उलटा सोरायसिस, एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस, गुटेट सोरायसिस और पुस्टुलर सोरायसिस शामिल हैं। लक्षणों की तीव्रता और प्रभाव व्यक्ति के प्रकार और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करते हैं।

ठंड का मौसम सोरायसिस के लक्षणों को और खराब कर सकता है। इस मौसम में त्वचा की नमी तेजी से घटती है, जिससे यह और अधिक शुष्क हो जाती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि ठंड के दौरान ह्यूमिडिफायर का उपयोग करके हवा को नम रखा जाए, जिससे त्वचा को राहत मिले। गुनगुने पानी से नहाना भी लाभदायक हो सकता है, क्योंकि अत्यधिक गर्म पानी त्वचा को और अधिक शुष्क कर सकता है। मॉइस्चराइजर का उपयोग दिन में कई बार किया जाना चाहिए, खासकर नहाने के बाद। इसके अलावा, प्राकृतिक फाइबर जैसे कपास के कपड़े पहनने से त्वचा को जलन से बचाया जा सकता है।

धूप से बचाव के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करना और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी है। शरीर को हाइड्रेट रखने से त्वचा की नमी बनी रहती है, जिससे सोरायसिस के लक्षण कम हो सकते हैं। गर्म और पोषण से भरपूर भोजन करना भी इस मौसम में मददगार साबित होता है।

डॉ. सीमा के अनुसार, सामयिक उपचार जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और विटामिन डी एनालॉग्स सोरायसिस के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकते हैं। साथ ही, तनाव प्रबंधन और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।

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