October 15, 2025

खबरी चिरईया

नजर हर खबर पर

2025 में अब तक 80 हजार से अधिक टेक वर्कर्स की नौकरी गई

AI jobs
  • बढ़ते AI संकट के बीच कर्नाटक सरकार ने सर्वे शुरू किया। TCS समेत ग्लोबल कंपनियों में छंटनी का दौर।

Khabari Chiraiya Desk : 2025 की शुरुआत से ही टेक इंडस्ट्री में छंटनी की तेज़ आंधी देखने को मिल रही है। अब तक दुनियाभर की 169 से ज्यादा टेक कंपनियों ने 80,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। 2024 में यह आंकड़ा 1.5 लाख के पार पहुंचा था। Microsoft ने अकेले इस साल 15,000 लोगों को निकाला है। अब भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS ने भी 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है। इस संकट के बीच कर्नाटक सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के वर्कफोर्स पर असर को समझने के लिए राज्यव्यापी सर्वे शुरू किया है।

TCS में क्यों हो रही है छंटनी?
TCS ने अपने बयान में कहा है कि वह एक “फ्यूचर-रेडी ऑर्गनाइजेशन” बनने की प्रक्रिया में है और इसके तहत कंपनी AI जैसी नई तकनीकों में भारी निवेश कर रही है। इस वजह से मिड और सीनियर लेवल के करीब 2% कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। CEO के. कृतिवासन ने बताया कि कंपनी डिमांड में गिरावट का सामना कर रही है और FY26 में डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद नहीं है।

यह भी पढ़ें… दो वोटर आईडी रखने पर हो सकती है जेल की सजा

AI की वजह से बदल रही है नौकरी की परिभाषा
टेक सेक्टर में छंटनी की लहर के पीछे AI और ऑटोमेशन का बढ़ता प्रभाव प्रमुख कारण बताया जा रहा है। कई कंपनियां ऐसे रोल्स को हटा रही हैं जिन्हें अब मशीनें या एल्गोरिद्म बेहतर और तेज़ी से कर सकते हैं। इस बदलाव के कारण वैश्विक स्तर पर हज़ारों पेशेवरों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।

कर्नाटक सरकार की सक्रियता, कंपनियों के साथ मिलकर होगा सर्वे
कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने बताया कि राज्य सरकार कंपनियों के साथ मिलकर एक विस्तृत सर्वे कर रही है, जिसमें AI का मौजूदा वर्कफोर्स पर क्या असर हो रहा है, इसे मापा जाएगा। सर्वे अगले एक महीने में पूरा होगा और इसके आधार पर नीतियां बनाई जाएंगी ताकि राज्य के युवाओं को नई तकनीकी चुनौतियों के अनुरूप प्रशिक्षित किया जा सके।

क्या इंसान की जगह ले रही है मशीन?
पूरे विश्व में यह चिंता तेजी से बढ़ रही है कि AI भविष्य में बड़ी संख्या में नौकरियों की जगह ले सकता है। जहां एक ओर AI कुछ नए अवसर लेकर आया है, वहीं पारंपरिक भूमिकाओं में काम कर रहे लाखों लोगों के सामने असमंजस की स्थिति खड़ी हो गई है।

सरकार यूनियन को लेकर भी सतर्क
खड़गे ने यह भी स्पष्ट किया कि कर्नाटक सरकार फिलहाल आईटी सेक्टर में यूनियन को मान्यता नहीं देती, लेकिन यदि आम नागरिकों की ओर से कोई गंभीर चिंता जताई जाती है तो उसे अनदेखा नहीं किया जाएगा।

यह भी पढ़ें… कोसी-सीमांचल के लोगों को अब हवाई यात्रा के लिए नहीं जाना होगा दूर

यह भी पढ़ें… जब बादल बरसे और व्यवस्था भीग गई

यह भी पढ़ें… सेहत की बात आसान भाषा में समझिए…क्रिएटिनिन 1.3 और 1.5 में क्या फर्क है, किस उम्र में कितना होना चाहिए

यह भी पढ़ें… बिहार : नीतीश कैबिनेट का फैसला, हर विधानसभा में खुलेगी डिजिटल लाइब्रेरी

  आगे की खबरों के लिए आप हमारी वेबसाइट पर बने रहें..

Advertisements
Cha Ch Cafe
Advertisements
Gulab Ashiyana
error: Content is protected !!