September 5, 2025

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महिंद्रा बोले-टैरिफ से घबराने की नहीं, इतिहास रचने की घड़ी है

“भारत अगर दूरदर्शिता से काम ले तो यह चुनौती उसे आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है”

Khabari Chiraiya Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आयातित सामान पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले पर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने गहरी और सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि यह फैसला भारत के लिए एक छिपा हुआ अवसर है। उन्होंने इसकी तुलना 1991 के विदेशी मुद्रा संकट से की, जब भारत ने मजबूरी में आर्थिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाया और वही आगे चलकर देश के लिए आर्थिक क्रांति साबित हुआ।

आनंद महिंद्रा ने कहा कि अगर भारत इस परिस्थिति में दूरदर्शी रणनीति अपनाए तो वह मौजूदा वैश्विक व्यापार अस्थिरता को अपने पक्ष में मोड़ सकता है। यह समय है जब भारत न केवल उत्पादन का वैश्विक केंद्र बन सकता है, बल्कि विदेशी निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य भी।

निवेश के लिए स्पष्ट और सरल रास्ता ज़रूरी

महिंद्रा का मानना है कि भारत को ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की रैंकिंग सुधारने के साथ-साथ ज़मीनी हकीकत में बदलाव लाना होगा। इसके लिए उन्होंने ‘सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम’ की वकालत की, जिससे देश और विदेश से आने वाले निवेश प्रस्तावों को तेज़ी से मंज़ूरी मिल सके। यह व्यवस्था भारत को एक प्रो-इन्वेस्टमेंट राष्ट्र के रूप में पेश करेगी।

पर्यटन को बनाएं विदेशी मुद्रा का इंजन

महिंद्रा ने पर्यटन को भारत की एक ऐसी ताकत बताया है, जिसका अब तक सही उपयोग नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वीजा प्रक्रिया को आसान बनाकर, पर्यटकों के लिए विशेष कॉरिडोर बनाकर और सफाई, सुरक्षा एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करके भारत इस क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। पर्यटन केवल विदेशी मुद्रा ही नहीं लाएगा, बल्कि ग्रामीण भारत तक में रोज़गार के नए अवसर भी पैदा करेगा।

हर्ष गोयनका ने भी दिया अमेरिका को जवाब

उद्योगपति हर्ष गोयनका ने अमेरिका के इस टैरिफ को भारत की संप्रभुता पर हमला मानने से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि भारत पर टैरिफ लगाया जा सकता है, लेकिन उसकी नीतियों, संप्रभुता और आत्मसम्मान को नहीं झुकाया जा सकता। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत अब एक नया आत्मनिर्भर राष्ट्र बन चुका है और वह इस चुनौती का जवाब मजबूती से देगा।

भारत के लिए मौका, अमेरिका के लिए उलटा पड़ सकता है फैसला

ट्रंप सरकार का यह टैरिफ फैसला भारत को तुरंत तो झटका दे सकता है, लेकिन अगर भारत सुधारों की दिशा में साहसिक कदम उठाए तो यह अमेरिकी रणनीति उन्हीं के खिलाफ जा सकती है। भारत के पास अब यह मौका है कि वह निवेश, पर्यटन और वैश्विक व्यापार के क्षेत्र में नई उड़ान भर सके।

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